आज की इस पोस्ट मे हम आपको बताएंगे एक दिव्य और ऐतिहासिक स्थान के बारे में जो कि गवाह है हमारी पावन और पवित्र परंपराओं का, हमारी आस्था का, हमारे विश्वास का। ये इतिहास गवाह है मालवा के इतिहास का। इस ऐतिहासिक स्थान को हम चमत्कारी बालाजी मंदिर फूलपुरा नीमच के नाम से जानते हैं। इस पोस्ट मे हम जानेंगे इस मन्दिर का इतिहास और चमत्कारी जानकारी।
Related Articles
भक्तों ये चमत्कारी और ऐतिहासिक मंदिर स्थित है वर्तमान मध्य प्रदेश के नीमच जिले के गांव फूलपुरा मे। नीमच जिला मुख्यालय से इस ऐतिहासिक स्थान की दूरी लगभग 42 किलोमीटर है। ये मंदिर रामपुरा – नीमच मार्ग पर स्टेट हाइवे SW30 पर बसा है।
भक्तों, इस दिव्य और ऐतिहासिक परिसर में कई धार्मिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थान स्थित है। लेकिन, हम सबसे पहले प्राचीन बालाजी मंदिर फूलपुरा नीमच की जानकारी आपको देंगे।
इस प्राचीन और चमत्कारी मंदिर के बारे में जब हमने यहां के पुजारी श्री बंसी दास जी बैरागी जी से चर्चा की तब उन्होंने हमे बताया कि इस ऐतिहासिक मंदिर का ऐतिहासिक स्वरूप उनके गुरु कमल दास जी के द्वारा हुआ है।
बंसी दास जी ने हमें बताया कि उनके गुरु कमल दास जी उज्जैन से यहां पर आए थे। वह एक संत थे और उन्होंने यहां पर आकर तपस्या की थी। उन्होंने ही सर्वप्रथम इस प्राचीन मंदिर में पूजा अर्चना का दौर शुरू किया। उन्होंने इस मंदिर की साफ़ सफाई करवायी। इस प्राचीन और ऐतिहासिक बावड़ी की साफ़ सफाई करवायी। इस स्थान को भव्यता प्रदान करने का प्रयास किया।
आज उन्हीं की देन है कि यह प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर किसी पहचान का मोहताज नहीं हैं। भक्तों की आस्था का अटूट केंद्र बन चुका ये ऐतिहासिक मंदिर कई विशेषताओं को अपने भीतर संजोए हुए है। इस प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर में मांगी गई हर मुराद निश्चित रूप से पूरी होती है।
भक्तों ने इस स्थान पर कई चमत्कारों को अपनी आँखों से होते हुए देखा है।
- क्या आपने कभी श्री बालाजी महाराज की आँखो में आँखे डालकर देखी हैं ?
चमत्कारी बालाजी मंदिर फूलपुरा नीमच की विशेषता
इस प्राचीन और चमत्कारी मंदिर की यह विशेषता है कि इस स्थान पर मानसिक और शारीरिक रूप से पीड़ित व्यक्ति अपने रोगों से छुटकारा प्राप्त करता है। इसके साथ ही इस स्थान पर मांगी गई मुरादें निश्चित रूप से पूरी होती है।
इस मंदिर में कमल दास जी की प्रतिमा और इनके श्री चरण बनाए गए हैं। इस चमत्कारी बालाजी मंदिर फूलपुरा नीमच मे एक और प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर पर भी लोगों की अटूट श्रद्धा है। इस स्थान को स्थानीय भाषा में देवरा भी कहा जाता है।
इस मन्दिर में एक स्थान पंचमुखी गणेश जी महाराज के मंदिर का भी है। इस मंदिर में गणेश जी का पंचमुखी वाला स्वरूप आपको देखने को मिलेगा। इस स्थान पर आपको अद्भुत आनंद की प्राप्ति होगी।
इस मंदिर में भगवान् शंकर पर्वत माला के ऊपर विराजित हैं। भगवान् शंकर का यह स्वरूप मन को हर्षित और आनंदित कर देता है। इस मंदिर परिसर में भगवान् शनि देव का एक चमत्कारिक मंदिर भी स्थित है। प्रत्येक शनिवार को इस स्थान पर भक्तों का तांता लगा रहता है।
इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष की शनि अमावस्या को इस स्थान पर भक्त अपनी आस्था को प्रकट करने मंदिर की ओर अग्रसर होते हैं। इस प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर में धार्मिकता का अनूठा संगम है।
मंदिर परिसर में एक बावड़ी स्थित है। इस बावड़ी की कला शैली हमे अपने बहुत सारे इतिहास से परिचित कराती है। इस बावड़ी की कलात्मकता हमें सोचने पर मजबूर कर देती है कि उस समय के कारीगरों ने बिना उपकरण की सहायता से पत्थरों की ऐसी नक्काशी आखिर कैसे की होगी?
उनके हुनर को और उनकी मेहनत को समेटे हुए यह बावड़ी हमे अपने भूतकाल से परिचित होने का अवसर प्रदान करती है।
प्राचीन चमत्कारी बालाजी मंदिर फूलपुरा नीमच और बावड़ी का इतिहास
जब इस प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर के विषय में जब हमने इतिहास के पन्नों को पलटा तो हमने पाया कि मंदिर की स्थापना और इतिहास पन्द्रहवीं शताब्दी के आसपास का होगा। मंदिर परिसर में स्थित यह प्राचीन बावड़ी हमे लोक माता अहिल्याबाई होल्कर के शासन काल में ले जाती है।
सत्रहवीं शताब्दी के आसपास लोक माता अहिल्याबाई होल्कर ने इस प्राचीन बावड़ी का जीर्णोद्धार करवाया था। तो भक्तों एक बार जरूर दर्शन कीजिएगा इस ऐतिहासिक धरोहर के चमत्कारी बालाजी मंदिर की। इस स्थान पर आपको एहसास होगा धार्मिकता का, आध्यात्मिकता का और ऐतिहासिकता का।
मंदिर परिसर में आपको कई ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल देखने को मिलेंगे और यकीन मानिए भक्तों इस स्थान पर आपको अलग ही अनुभूति होगी। आपको एहसास होगा उस समय की कारीगरी की कुशलता का, कला शीलता का, उनके द्वारा की गई नक्काशी का कि किस तरह उन्होंने बिना उपकरण की सहायता से इतनी बड़ी और भव्य बावड़ी का निर्माण कर दिया।
आपको एहसास होगा कि मालवा का इतिहास कितना सुदृढ़ और गौरवशाली था। तो भक्तों यह था चमत्कारी बालाजी मंदिर फूलपुरा नीमच का इतिहास और जानकारी। उम्मीद है आपको यह पोस्ट पसंद आयी होगी।
यह भी पढ़ें :-
-
श्री मायापती हनुमान मंदिर उज्जैन, यहां बजरंग बली निःसंतानो की झोली भर देते हैं।
- मांसाहार पुण्य है या पाप? जानिए गरुड़ पुराण क्या कहता है?
-
क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी कहां रहते हैं अपने साक्षात रूप मे ?
-
जानिए आखिर क्यों क्रोधित हनुमान के लिए श्री कृष्ण को बनना पड़ा श्री राम?
-
श्री ब्रह्मा पुष्कर तीर्थ Pushkar के बारे मे कितना जानते हैं आप?
The post चमत्कारी बालाजी मंदिर फूलपुरा नीमच का इतिहास और जानकारी appeared first on Mehandipur Balaji Blog Website.
This post first appeared on जीवन को उतà¥à¤¸à¤µ की तरह जीना सिखाते शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£, please read the originial post: here