Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

मेहंदीपुर बालाजी धाम ( Mehandipur Balaji Dham)

मेहंदीपुर बालाजी धाम (Mehandipur Balaji Dham) एक ऐसा पवित्र और सिद्ध पीठ धाम है जहां आकर भक्तों को ना सिर्फ आध्यात्मिक सुख मिलता है अपितु ऐसा मानसिक सुख महसूस करता है जैसे उसमे एक दैवीय शक्ति का संचार उसमे हो रहा हो।

राजस्थान में दो जनपद है दौसा और करौली। इन दो जिलों की सीमा पर स्थित है मेहंदीपुर बालाजी धाम। यहां प्रति दिन आने वाले भक्तों की संख्या हज़ारों और लाखों मे होती है।

मन्दिर में विराजमान बालाजी महाराज का विग्रह स्वयंभू प्रकट विग्रह है। ऐसी मान्यता है कि करीब ग्यारह सौ साल पहले बालाजी महाराज ने प्रकट होने से पहले दशनामी शैव संप्रदाय के ब्रह्म लीन महंत श्री गणेशपुरी जी महाराज को स्वप्न मे दर्शन देकर अपने घाटा मेहंदीपुर में होने का एहसास कराया था।

श्री बालाजी महाराज के प्राकट्य होने के साथ ही जब आसपास की सफाई की गई तो वहां अंजनी माता, श्री भैरव जी महाराज और श्री प्रेतराज सरकार की आकृति भी अरावली की इन पहाडियों मे उभरी दिखाई दी। तबसे बालाजी महाराज के साथ इन चारों देवों की भी शास्त्रीय विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।

श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम के इस अद्भुत स्वयंभू प्राकट्य स्वरूप की एक विशेषता यह भी है कि भगवान् की हृदय स्थली से एक बारीक जलधारा निरंतर प्रवाहित हो रही है। बालाजी महाराज को कितना ही चोला क्यू न चढ़ा दिया जाए ये जलधारा कभी बंद नहीं होती है।

श्री बालाजी महाराज के चरणों में रखी कुण्डी मे यह पावन जल एकत्रित होता रहता है। इसे हर संध्या काल में चरणामृत के रूप में भक्तों को बांट दिया जाता है। अमृत तुल्य यह चरणामृत बहुत व्याधियों में रामबाण सिद्ध हुआ है।

ऐसा माना जाता है कि बालाजी के दर्शनों के लिए जो भी श्रद्धालु आस्था और अनन्य भक्ति भाव से बालाजी के दर्शन करके जो भी मनोकामना मांगता है उसकी मनोकामना बालाजी जरूर पूरी करते हैं।

  • कैसे करने जाये दर्शन मेहंदीपुर बालाजी मंदिर मे || Darshan Mehandipur Balaji ||

भक्त अपनी सभी मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति पाकर अपूर्व शांति का अनुभव करता है। बालाजी महाराज की इसी महिमा के कारण देश विदेश के लाखों भक्त बालाजी महाराज के दर्शनों के लिए हर रोज घाटा मेहंदीपुर बालाजी धाम आते हैं।

हनुमान चालीसा में हनुमान जी के लिए कहा गया है,

॥ भूत पिशाच निकट नहीं आवे,

महावीर जब नाम सुनावे ॥

अर्थात हनुमान जी के नाम का जो गुणगान करता है, स्मरण करता है उसके पास भूत पिशाच भी निकट नहीं आते। मेहंदीपुर बालाजी धाम का चमत्कार भी कुछ ऐसा ही है जो कोई भी भक्त भूत प्रेत या अन्य इस प्रकार की बाधा से प्रताड़ित होता है तो उसे बालाजी महाराज के दर्शनों से ही उसे सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।




श्री बालाजी महाराज घाटा मेहंदीपुर मे सुबह मंगला की आरती के बाद संध्या की आरती तक भगवान् के दर्शन हर भक्त के लिए खुले रहते हैं। बालाजी के लिए हर दिन छप्पन भोग की झांकी सजाई जाती है।

शाम को संध्या की आरती के बाद ये भोग भक्तों मे वितरित कर दिया जाता है। श्री बालाजी को लगने वाले भोग मे करीब 300 किलो ग्राम की प्रसादी चढ़ायी जाती है जो कि हर रोज भक्तों मे वितरित की जाती है।

इसके साथ ही श्री बालाजी महाराज के राज भोग के लड्डू आसपास के 5 जिलों के करीब 20 हजार बच्चों को रोज बांटे जाते है।

  • बालाजी महाराज का भोग या अज्ञारी कैसे लगाते हैं ?

श्री बालाजी महाराज घाटा मेहंदीपुर के वर्तमान महंत श्री किशोरपुरी जी ने आध्यात्मिक एवं इस सिद्धपीठ के सद्गुरु ब्रह्मलीन गुरु महंत श्री गणेशपुरी जी महाराज के चरणों में बैठ कर गुरु दीक्षा ग्रहण की।

अपने गुरु के ब्रह्मलीन हो जाने के बाद वर्तमान महंत श्री किशोर पुरी जी ने पद भार सम्भाला एवं इस सिद्धपीठ के चतुर्मुखी विकास एवं जनकल्याण हेतु ट्रस्ट की स्थापना की। महाराज द्वारा गठित ट्रस्ट ही श्री बालाजी की सेवा, पूजा कार्यो सहित मंदिर की सभी धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों को संचालित कर रहा है।

महंत श्री किशोर पुरी जी महाराज ने अपने परम पूज्य गुरु ब्रह्मलीन महंत श्री गणेश पुरी जी की स्मृति में उनकी समाधी स्थल का निर्माण कर उनकी प्रतिमा स्थापित करायी।

इसी परिसर में ही एक यज्ञ शाला का निर्माण कराया गया जहां वर्षो से ही अनेक ब्राह्मण यज्ञ वेदी मे आहुति दे रहे हैं। ये क्रम प्रति दिन सुबह से शाम तक चलता है।

वहीं बालाजी मंदिर के ठीक सामने स्थित सीता राम मंदिर मे 1972 से ही अखंड हनुमान संकीर्तन और हनुमान चालीसा पठन के साथ रामचरित मानस का पाठ जारी है।

महंत श्री किशोर पुरी जी द्वारा गठित श्री बालाजी महाराज घाटा मेहंदीपुर ट्रस्ट महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ट्रस्ट द्वारा 1972 मे जो कार्य एक प्राथमिक कन्या विधालय की स्थापना के साथ शुरू किए गए थे आज महिला पोस्ट ग्रेजुएट महिला संस्कृत कॉलेज की स्थापना के बाद भी जारी है।

प्राथमिक विद्यालय से लेकर पी जी कॉलेज तक में पढ़ने वाली सभी बच्चियों, युवतियों और महिलाओं को इन संस्थानों में निःशुल्क शिक्षा के साथ निःशुल्क भोजन, हास्टल और किताबें तक ट्रस्ट द्वारा उपलब्ध करायी जाती है।

ट्रस्ट द्वारा घाटा मेहंदीपुर मे सन 1993 मे 300 बिस्तरों की सुविधा युक्त एक चिकित्सालय की स्थापना महंत किशोर पुरी जी के नाम पर की गई। चिकित्सालय में निःशुल्क उपचार किया जाता है।

ट्रस्ट द्वारा समय समय पर विकलांग एवं निर्धन लोगों की सेवा के लिए शिविरों का भी आयोजन किया जाता है जिसमें जरूरतमंद लोगों को कपड़े, बिस्तर, नकद राशि एवं अन्य उपयोगी वस्तुएं भेंट की जाती है।

मेहंदीपुर बालाजी धाम देश विदेशों के करोड़ों श्रद्धालुओं की भक्ति भावना के आकर्षण का केंद्र है। यहां आने वाले हर भक्त को बालाजी महाराज के दर्शन प्राप्त हो सके इस हेतु ट्रस्ट द्वारा दर्शनार्थियों को पंक्ति बद्ध बनाए रखने के लिए एक हाल का निर्माण कराया गया।

साथ ही मंदिर परिसर में एक आरती हाल का भी निर्माण करवाया गया ताकि हज़ारो श्रद्धालु एक साथ आकर आरती मे सम्मिलित हो सके। इस हाल के बनने से यात्रियों को हर मौसम में राहत मिलती है।

श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम के दरबार में यू तो हर दिन मेला सा लगा रहता है फिर भी मंदिर में तीन वार्षिक आयोजन होते हैं। चैत्र सुदी नवरात्र श्री रामनवमी के साथ ही श्री हनुमान जयंती पर दस दिवसीय मेला और होली पर भी दस दिन का मेला आयोजित किया जाता है।

इसके साथ ही हर छोटे-बड़े त्योहारों को भी पूरे धार्मिक विधि विधान के साथ यहां मनाया जाता है। घाटा मेहंदीपुर बालाजी धाम की इन्हीं धार्मिक मान्यताओं और विशेषताओं के कारण ही बालाजी के भक्त दूर दूर से दर्शनों के लिए बालाजी धाम आते हैं।




कहा भी गया है,

भक्ति भाव से जो आए सिद्ध पीठ बालाजी धाम, वे जीवन भर सुखी रहें पूरे हो उसके सब काम

The post मेहंदीपुर बालाजी धाम ( Mehandipur Balaji Dham) appeared first on Mehandipur Balaji Blog Website.

Share the post

मेहंदीपुर बालाजी धाम ( Mehandipur Balaji Dham)

×

Subscribe to जीवन को उत्सव की तरह जीना सिखाते श्री कृष्ण

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×