New Delhi : आप जीवन में कितनी बार फेल हुए होंगे 3 बार 4 बार या 10 बार हो सकता है आप मिल रही असफलता से निराश हो जाते हों। लेकिन आज हम जिस आईपीएस ऑफिसर की कहानी आपको बताने जा रहे हैं वो एक नहीं दो नहीं 35 बार सरकारी नौकरी या प्रशासनिक परीक्षाओं में फेल हुए, लेकिन उन्होने अपनी हर असफलता से हार मानने की बजाए हर बार नई ऊर्जा के साथ फिर से कोशिश की। उनकी इसी दृढ़ शक्ति और कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि वो आज आइपीएस हैं।
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नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है…मन का विश्वास रगों में साहस भरता है…चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है…आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती…कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
सोहनलाल द्विदी की ये पंक्तियां आइपीएस विजय वर्धन पर सटीक बैठती हैं। उन्होंने तब तक कोशिश जारी रखी जब तक कि उन्होंने अपने सपने को पा नहीं लिया। वे हरियाणा के सिरसा जिले के रहने वाले हैं। विजय की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा भी यहीं हुई। इसके बाद हायर स्टडीज़ के लिये विजय हिसार चले गए। यहां से उन्होंने साल 2013 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। विजय ने इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की और सिविल सर्विसेस में जाने का मन बनाया। इसके लिये सही मार्गदर्शन पाने के लिये उन्होंने दिल्ली के मुखर्जी नगर का रुख किया जहां से उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिये कोचिंग ली।
विजय हर आम विद्यार्थी की तरह ग्रुप ऐ ग्रुप बी और ग्रुप सी तक की लगभग 30 परीक्षाओँ में बैठे। पहले तो वो सिर्फ एक सरकारी नौकरी ही पाना चाहते थे लेकिन किसी भी परीक्षा में वे सफल नहीं हुए। उन्होंने हरियाणा पीसीएस, यूपी पीसीएस, एसएससी सीजीएल आदि परीक्षाएं दी। लेकिन हर तरफ उन्हें मुंह की खानी पड़ी और कहीं भी उनका चयन नहीं हुआ। विजय इससे एक बार को परेशान और दुखी तो हुए लेकिन हताश कभी नहीं हुए।
आम परीक्षाओं में इतनी असफलता मिलने के बाद उनसे उनके यार दोस्तों और यहां तक कि घरवालों को भी निराशा होने लगी। लेकिन उन्होंने अपनी हर असफलता की गलतियों को पकड़ा और उनसे सीखा। इससे उनका नॉलेज लेवल बढ़ता गया। फिर उन्होंने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा देने की सोची तो सब हैरान हुए और उनको ऐसा करने से मना भी किया। लेकिन उन्होंने ये परीक्षा दी और इसमें भी वे असफल रहे। यही नहीं इस परीक्षा में वो 4 बार फेल हुए लेकिन तब भी उन्होंने हार नहीं मानी और 5वीं बार भी परीक्षा के लिए आवेदन कर डाला। इस बार उनकी मेहनत और तैयारी रंग लाई और 2018 की यूपीएससी परीक्षा में उन्हें 104 रेंक प्राप्त हुई। जिसके बाद वे आईपीएस नियुक्त हुए।
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