New Delhi : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरूवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए 200 यूनिट की खपत वाला बिजली का बिल पूरी तरह माफ करने की घोषणा की थी। उनके इस फैसले पर अब विपक्षी पार्टियां तंज कस रही हैं। भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस कदम को पॉलिटिकल स्टं’ट बताया है। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि कि AAP कार्रवाई करने में विफल रही जब बिजली वितरण कंपनियों ने पिछले एक साल में दिल्ली के निवासियों को ओवरचार्ज किया।
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मनोज तिवारी ने कहा कि “दिल्ली के मुख्यमंत्री फिर से फ़्री का पिटारा ले कर बैठ गए हैं इससे पता चल गया है की चुनाव आने वाले हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा 200 यूनिट तक बिजली की खपत के लिए शुल्क माफ करने की घोषणा भ्रामक और एक चुनावी स्टंट है।”
AAP की आलोचना करते हुए, दिल्ली कांग्रेस के प्रवक्ता रमाकांत गोस्वामी ने कहा, “AAP सरकार की घोषणा का मतलब कुछ भी नहीं है। एक साल से अधिक समय तक उन्होंने तय शुल्क के नाम पर दिल्ली के लोगों को लूटा और चुनाव से ठीक पहले उन्होंने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली की घोषणा की। इसे दिल्ली वाले समझ रहे हैं। ”
आरोपों पर को जवाब देते हुए, AAP नेता आतिशी ने कहा, “अगर मनोज तिवारी जी मुफ्त बिजली का विरोध करते हैं तो उन्हें सांसद के रूप में दी जाने वाली मुफ्त बिजली को छोड़ देना चाहिए। मैं उसे बताना चाहता हूं कि AAP के नेतृत्व वाली सरकार ऐसी कीमतों पर बिजली उपलब्ध कराने में सक्षम है क्योंकि उसके पास एक ईमानदार और एक IIT-शिक्षित मुख्यमंत्री है जो नीतियों को समझता है। ”
बता दें दिल्ली वालों को अब 200 यूनिट तक बिजली की खपत पर कोई बिल नहीं देना होगा। अगर आप बिजली की ज्यादा खपत नहीं करते हैं तो आपको बिजली बिल के बदले कोई पैसा नहीं देना होगा। इसके साथ ही केजरीवाल ने 200 यूनिट से ज्यादा की खपत करने वाले परिवारों को भी खुशखबरी दी है। उनको 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने की घोषणा की है।
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