New Delhi: प्रयागराज में महाकुंभ (Kumbh) में स्नान का अपना महत्व है लेकिन कुछ खास दिनों और तारीखों में स्नान बेहद शुभ माना जाता है। 21 जनवरी यानी सोमवार को महाकुंभ मेले का दूसरा प्रमुख स्नान है क्योंकि इस दिन पौष पूर्णिमा है।
कुंभ में इस दिन लाखों श्रद्धालु स्नान, जप, तप और दान करेंगे। माना जाता है कि कुंभ में शुभ मुहूर्त के दौरान किया गया स्नान और दान अगले जन्म में सुख और संपन्नता प्रदान करता है। आइए जानें 21 जनवरी को लगने वाले पौष पूर्णिमा का क्या है महत्व।
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कुंभ का दूसरा शाही स्नान
कुंभ का दूसरा शाही स्नान 4 फरवरी को माघ अमावस्या के दिन होगा। इससे पहले 21 जनवरी को पूर्णिमा तिथि होने से यह भी कुंभ के लिए महत्वपूर्ण तिथि है। मान्यता है कि इस दिन कुंभ में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि कुंभ में दूसरे शाही स्नान से पहले इस दिन भी बड़ी संख्या में लोग स्नान के लिए आएंगे।
पौष पूर्णिमा का महत्व
भारतीय पंचांग के अनुसार, पौष मास की शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं। पूर्णिमा के दिन पूर्ण चंद्र निकलता है। प्रयागराज में आयोजित हो रहे कुंभ मेले की अनौपचारिक शुरुआत इसी दिवस से चिह्नित की जाती है। साथ ही इस दिन से कल्पवास की शुरुआत भी की जाती है। मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन कुंभ में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
साल का पहला चंद्रग्रहण
21 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन ब्लडमून चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण 21 तारीख की सुबह में लगने जा रहा है। ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा इसलिए इसके सूतक का विचार भी भारत में नहीं होगा लेकिन राशिगत प्रभाव होने की वजह से इस दिन स्नान, दान. जप और पूजा का महत्व माना जा रहा। ऐसे में कुंभ सहित घरों में स्नान दान करना शुभ फलदायी रहेगा।
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