New Delhi: चुनाव नजीदक आने के साथ ही राम मंदिर निर्माण को लेकर घमासान तेज है। हर कोई मंदिर निर्माण को लेकर अपने-अपने दावा कर रहा है। सीएम योगी से लेकर शिवसेना और अब कुंभ मेले में साधु भी इस बात का दवा कर रहे हैं। इसी बीच अब अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बड़ा बयान दिया है। वह कहते हैं कि, भाजपा तो मंदिर का निर्माण चाहती नहीं है, लेकिन कुंभ मेले के बाद राम मंदिर निर्माण शुरू करवाएंगे।
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सीएम योगी ने कहा-मंदिर का निर्माण वह ही करवा सकते हैं
मिशन 2019 की तैयारी में इन दिनों सभी पार्टियां जनता को लुभाने में लगी हैं। वहीं इसी बीच राम मंदिर निर्माण को लेकर भी सियासी हलचल अपने चरम पर है। इस कड़ी में अब सीएम योगी ने एक बार फिर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जनता से कहा कि, अगर वह कह रहे हैं कि, जनता मंदिर बनवाने वाले को ही वोट देगी। तो हम उनको बता दें कि, हम ही मंदिर का निर्माण करवा सकते हैं। जाहिर है पिछले दिनों मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाये जाने की मांग की गई थी। लेकिन अभी इसपर कुछ आदेश नहीं आया है।
शिवसेना अध्यक्ष बोले हम ही बनवाएंगे मंदिर
लोकसभा चुनाव के साथ ही राम मंदिर का मुद्दा भी काफी गर्म है। इस मामले को लेकर अब हिंदू संगठन, विपक्ष सभी मिलकर पीएम मोदी पर हमलावर नजर आ रहे हैं। ऐसे में अब उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को जुमलेबाज बता दिया है। साथ ही वह कहते हैं कि, अब वह ही मंदिर का निर्माण करवा सकते हैं। वह कहते हैं कई, जैसे सरकार ने जनता से 15 लाख देने का वादा कर बेवकूफ बनाया, वैसे ही अब राम मंदिर का मुद्दा भी जुमला साबित हो रहा है। 15 लाख देने जुमला साबित हुआ और किसी के भी खाते में पैसे नहीं आये। कोर्ट ने कहा की मामले पर आज सुनवाई नहीं होगी, आज सिर्फ समयसीमा तय होगी।
साधू कह रहे कुंभ मेले के बाद शुरू हो जाएगा मंदिर निर्माण
लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, उसके साथ ही मंदिर निर्माण को लेकर घमासान भी जारी है। वहीं अब इस मामले को लेकर कुंभ मेले के दौरान अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने कहा कि, जैसे ही चुनाव खत्म होंगे उसके बाद ही मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। इससे पहले भी आरएसएस और विहिप के नेताओं की बयानबाजी से खफा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने आरोप लगाया है कि भाजपा राम मंदिर निर्माण के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा है कि विहिप की धर्म संसद में अखाड़ा परिषद को कोई आमंत्रण नहीं मिला है। हालांकि द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती की धर्म संसद में अखाड़ा परिषद को भी बुलाया गया।
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