New Delhi. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता संभालने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहली औपचारिक बैठक का आज आगाज़ हो गया है। सिंधु जल समझौते के मुद्दे पर इस्लामाबाद में आयोजित इस दो दिवसीय बैठक की शुरुआत बुधवार को हुई।
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भारत की तरफ से इस सम्मेलन में नौ सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल हिस्सा ले रहा है। सिंधु जल संधि पर दोनों पक्षों के बीच बुधवार को पहले दौर की वार्ता लाहौर के नेशनल इंजीनियरिंग सर्विस के मुख्यालय में संपन्न हुई। भारत की तरफ से जल आयोग के आयुक्त पीके सक्सेना और पाकिस्तान की तरफ से सैयद मेहर अली शाह इस सम्मेलन का नेतृत्व कर रहे हैं। इस वार्ता में दोनों देश अपनी-अपनी रिपोर्ट साझा करेंगे। वार्ता के बाद एक साझी अधिसूचना भी जारी की जानी है।
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी के जल के बंटवारे के संबंध में सिंधु जल आयोग का गठन किया गया था। साल 1960 में इसका गठन हुआ था। इस समझौते के मुताबिक दोनों देशों के अधिकारी साल में कम से कम एक बार बैठक करेंगे। इसका आयोजन भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में बारी बारी से किया जाता है।
सिंधु जल समझौते में सतलज, व्यास, रावी, झेलम और चिनाब नदी का भी जिक्र है। संधि के मुताबिक रावी, व्यास और सतलज नदी का पानी भारत के लिए जाएगा, वहीं सिंधु, झेलन और चिनाब नदी का पानी पाकिस्तान के लिए छोड़ा जाएगा। इससे पहले सिंधु नदी आयोग की बैठक इसी साल के मार्च महीने में संपन्न हुई थी। नई दिल्ली में हुई इस बैठक में पाकिस्तान ने भारत पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
पाकिस्तान ने कहा था कि चिनाब नदी पर 850 मेगावाट का हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट बना रहा है, जो संधि के खिलाफ है। भारत पाकिस्तान के इस आरोप का खंडन करता रहा है। हाल ही में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। इमरान खान पूर्व क्रिकेटर हैं। कहा जा रहा है कि इमरान खान के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार आएगी।
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