New Delhi: सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों और पोस्ट से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार नया कानून लाने की तैयारी कर रही है।
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देश के कई हिस्सों में फर्जी पोस्टों से हो रही परेशानियों और अशांति की घटनाओं के बाद यह कदम सामने आया है। गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस कानून को बनाने के पीछे की मंशा यह है कि सरकार राज्य में शांति कायम रखना चाहती है। सरकार की मंशा है कि समाज में शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने या घृणा पैदा करने के उद्देश्य से फर्जी खबरें फैलाने वालों और तस्वीरों को छेड़छाड़ कर उन्हें पोस्ट करने वाले लोगों को सख्त कानून के दायरे में लाया जाए।
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अधिकारी ने आगे कहा कि राज्य सरकार नया कानून बनाने के साथ- साथ पिछले कुछ वर्षों में पश्चिम बंगाल तथा देश के अन्य हिस्सों में सोशल मीडिया पर फैली फर्जी खबरों पर एक डेटा बैंक तैयार कर रही है। राज्य में पिछले कुछ वर्षों में फर्जी खबरें फैलने की कई रिपोर्टों के बाद नया कानून तैयार किया जा रहा है।
शिलॉन्ग, झारखंड में गोड्डा और असम के कार्बी आंगलोंग जिले में हाल में हुई घटनाओं ने ममता सरकार की चिंता बढ़ा दी है। अधिकारी ने कहा कि सोशल नेटवर्किंग साइटों पर फर्जी खबरों और तस्वीरों को तोड़-मरोड़ कर पोस्ट करने के बड़े गंभीर असर हो सकते हैं। इससे लोगों के बीच अशांति पैदा हो सकती है ऐसे में इससे निपटने के लिए एक सख्त कानून की आवश्यकता है।
वर्तमान में पश्चिम बंगाल में जनता के बीच डर या चिंता पैदा करने या अपराध करने की मंशा से ऐसे पोस्ट डालने वाले लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (1)(बी) के तहत मामला दर्ज किया जाता है। नया कानून बनाने की प्रक्रिया में सरकार पश्चिम बंगाल पुलिस की भी सहायता ले रही है। पुलिस ने कई पेड टि्वटर हैंडल और फेसबुक अकाउंट की पहचान की है जो फर्जी खबरे और पोस्ट फैलाने का काम करते हैं।
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