New Delhi : इस आईपीएल के सीजन में महेंद्र सिंह धोनी अपने पूरे रंग में नजर आ रहे हैं। देखने वाले ये कह रहे हैं कि पिछले दस साल में ऐेसे फॉर्म में धोनी कभी नहीं दिखे।
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मैच में परिणाम उनकी टीम के पक्ष में हो या फिर खिलाफ, लेकिन धोनी अपने प्रदर्शन से अपने फैंस को खुश कर देते हैं। खासकर डीआरएस के मामले में धोनी का अंदाजा बिल्कुल सही होता है। इसलिए डीआरएस को कई बार उनके प्रशंसक 'धोनी रिव्यू सिस्टम' भी बोल देते हैं।
डीआरएस में उनका अंदाजा हमेशा सटीक बैठता है। इसका एक नजारा फिर से कोलकाता के खिलाफ मैच में देखने को मिला। पहले खेलते हुए चेन्नई की टीम ने 177 रन बनाए। इसमें एक बार फिर से महेंद्र सिंह धोनी ने सबसे ज्यादा 43 रन बनाए। इसके लिए उन्होंने बस 25 बॉल खेलीं। इसमें उन्होंने 1 चौका और 4 छक्के लगाए।
178 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी कोलकाता टीम की शुरुआत क्रिस लिन और सुनील नारायण ने की। पहले ओवर की शुरुआत लुंगीसानी एंगिडी ने की। पहली दो गेंदें खाली गईं।
ओवर की तीसरी ही बॉल पर क्रिस लिन ने छक्का जड़ दिया। दूसरी बॉल पर क्रिस लिन ने फिर से छक्का जड़ा। पांचवीं गेंद पर कोई रन नहीं बना। ओवर की अंतिम गेंद एंगिडी ने क्रिस लिन को मिडल स्टंप पर की। बॉल बैट और पैड के बीच से निकली। और स्लिप में वॉटसन के हाथ में समा गई।
लुंगी ने अपील की, लेकिन अंपायर ने अपील नकार दी। धोनी अपने साथी खिलाड़ियों की ओर देखा और डीआरएस ले लिया। शॉट देखकर लग रहा था कि बॉल का बैट से संपर्क नहीं हुआ है।
लेकिन जब रीप्ले देखा गया तो पता चला कि बॉल ने बेट का हल्का सा किनारा लिया है। इस तरह से एक बार फिर से धोनी ने बता दिया कि इस रिव्यू सिस्टम को क्यों उनके नाम से जाना जाता है।
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