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जिस उम्र में हाथ-पैर भी काम नहीं करते,87 साल की इस महिला ने खुद एक-एक ईंट जोड़ बना दिया टॉयलेट

New Delhi: पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को देश ने बड़ी गंभीरता से लिया है। हर एक नागरिक इस अभियान में अपना योगदान दे रहा है। देश को खुले में शौच मुक्त बनाने की पहले से केवल युवा ही नहीं बल्कि बुजुर्ग भी प्रभावित हुए हैं। 

इस तस्वीर को देख देश के हर नागरिक को गर्व होगा। इजम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर में रहने वाली 87 साल की बुजुर्ग महिला राक्खी स्वच्छ भारत का ऐसा उदाहरण पेश कर रही है जिसे देख पीएम मोदी को भी गर्व होगी। जी हां राक्खी 87 साल की उम्र में जब शरीर काम करना बंद कर देती है। इस उम्र में घर के पास खुद टॉइलट बनाने में जुट गई हैं। 

वो इस काम को करके बहुत खुश है उनका कहना है कि गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाने की पहल का हिस्सा बनकर वह खुश हैं और कहती हैं कि हर किसी को इसका हिस्सा बनना चाहिए। वह कहती हैं, 'मैं खुश हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने घर के पास शौचालय बनाने के लिए आगे आ रहे हैं। सबको इसका हिस्सा बनना चाहिए।'

अपनी उम्र को हौसले से पीछे छोड़ते हुए वह खुद ही ईंटों को जोड़ रही हैं। उनकी इस कोशिश को देखकर बाकी गांव वाले न सिर्फ उनकी तारीफ कर रहे हैं बल्कि प्रेरित भी हुए हैं। राक्खी ने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि मैं बीते करीब एक दशक से खुले मैं शौच के लिए जा रही थी। मुझे इसके दुष्प्रभावों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। 
 

राक्खी कहती हैं, 'मैं चाहती हूं कि हर व्यक्ति टॉइलट का इस्तेमाल करे क्योंकि खुले में शौच से कई तरह की बीमारियां पैदा होती हैं। मैं गरीब हूं और शौचालय बनाने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं, इसलिए मैंने किसी अन्य की मदद लेने की बजाय खुद ही टॉइलट बनाने का फैसला लिया। मेरे बेटे ने टॉइलट बनाने के लिए मसाला तैयार किया, इसके बाद मैंने खुद ही मिस्त्री के तौर पर काम करते हुए ईंटों को जोड़ा। 7 दिनों के भीतर हमारे घर में टॉइलट तैयार हो जाएगा।' 

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