New Delhi : यहां महिलाएं खतरनाक बंदूके अपने साथ लेकर सो रही हैं इसकी वजह आपको हैरान करके रख देगी।
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अमेरिका में गन कंट्रोल की डिमांड को लेकर तकरीबन पूरा देश एकजुट नजर आ रहा है। गन कल्चर के खिलाफ वॉशिंगटन में अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा मार्च निकला गया।
बीते 50 साल में अमेरिका में बंदूक ने 15 लाख से ज्यादा जान ले ली। दरअसल इसके पीछे बड़ी वजह ये है कि अमेरिका में हथियार रखना बुनियादी हक में आता है। आसानी से लोग स्टोर से हथियार खरीद लेते हैं और ये उनके कल्चर का हिस्सा हो चुका है। फोटोग्राफर शैली काल्टन ने अपनी फोटो सीरीज कंसील्ड के जरिए इस गन कल्चर को दिखाने की कोशिश की।
इस फोटो सीरीज में महिलाओं को पूरे गर्व से गन के साथ पोज करते दिखाया गया है। इसमें स्कूल टीचर से लेकर हाउस वाइफ और क्रिमिनल कोर्ट की जज तक सभी वर्ग की महिलाएं हैं। हॉस्टन में पली-बढ़ी फोटोग्राफर काल्टन ने बताया कि बचपन से ही गन जिंदगी का हिस्सा थीं, जिसके साथ हम खेलते-खेलते बड़े हुए।
उन्होंने कहा कि इसमें बदलाव तब आया जब उनका एक दोस्त अचानक खेल-खेल में चली गन से जख्मी होकर मर गया। इसके बाद ऐसी ही एक घटना सैलून में हुई, जिसके बाद दोबारा उनका इंट्रेस्ट फायरआर्म कल्चर में जागा और उन्होंने एक फोटोग्राफी प्रोजेक्ट शुरू किया। काल्टन ने पहले अपने सर्किल की औरतों की फोटोग्राफी की और फिर इसे उन्होंने दायरा बढ़ाते हुए लाइसेंस हैंडगन के साथ टेक्सास की महिलाओं की फोटोज कैप्चर की।
अमेरिकी गन इंडस्ट्री सालाना 91 हजार करोड़ रुपए का रेवन्यू जेनरेट करती है। पर बंदूकों से होने वाली हिंसा से कहीं ज्यादा नुकसान भी हो रहा है। 2012 में हथियारों से होने वाली हिंसा और मौतों से 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। यह जीडीपी का 1.4 फीसदी हिस्सा है।
दुनिया भर की कुल सिविलियन गन में से 48 फीसदी सिर्फ अमेरिकियों के पास है। अमेरिकन के पास करीब 31 करोड़ हथियार हैं। 89% अमेरिकी लोग अपने पास बंदूक रखते हैं। इनमें से 66% लोग एक से ज्यादा बंदूक रखते हैं। अमेरिका में 2.65 लाख लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। हर साल एक करोड़ से ज्यादा रिवॉल्वर, पिस्टल जैसी बंदूकें यहां बनती हैं।
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