New Delhi: भारत में हर साल करीब 10 लाख बच्चे अपना 5वां जन्मदिन नहीं मना पाते। बच्चों के अंदर 2 बीमारियां पूरे देश में तेजी से फैल रही है।
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ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि खुद सरकार ने किया है। नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशन एस. विश्वनाथन ने यूनिसेर्फ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि भारत में हर 1000 बच्चों में 39 बच्चे 5 साल की उम्र पूरी नहीं कर पाते।
मध्य प्रदेश इस मामले में तीसरे नंबर पर है, जहां हर साल 1,00,221 बच्चे पांच साल से पहले ही दो भयंकर बीमारियों के कारण मर जाते हैं। विश्वनाथन के मुताबिक, मध्य प्रदेश में मरने वाले बच्चों की संख्या 1000 में से 55 है। इनमें 16 प्रतिशत बच्चों की मौत सिर्फ निमोनिया के चलते होती है।
विश्वनाथन ने बताया कि मध्य प्रदेश में निमोनिया और दिमागी बुखार से होने वाली बच्चों की मौत पर काबू पाने के लिए पीसीवी (न्यूमोकोकलव कॉन्ज्यूगेट वैक्सीन) टीकाकरण की शुरुआत सात अप्रैल को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी। उन्होंने निमोनिया और दिमागी बुखार से होने वाली मौतों को रोकने के लिए बाजार में आए पीसीवी टीका का जिक्र करते हुए कहा कि निजी चिकित्सालय में इस टीका की एक खुराक के लिए 3800 रुपये खर्च करना पड़ते हैं, तीन टीके लगाना जरूरी है। इस तरह 10000 रुपये खर्च करने पर इन दो बीमारियों से मुक्ति मिलती है। मगर केंद्र सरकार ने सरकारी अस्पतालों को यह टीका नि:शुल्क उपलब्ध कराया है।
टीकाकरण अभियान के उपसंचालक डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि यह टीका बच्चों के जीवन को बचाने में बड़ा मददगार साबित होगा। राज्य के बच्चों को इस टीके का लाभ सात अप्रैल के बाद मिलने लगेगा, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल इसकी विधिवत शुरुआत करेंगी। यह टीका डेढ़ माह, साढ़े तीन माह और नौ माह में लगाया जाएगा। टिप्पणियां टीकाकरण के कोल्ड चेन प्रभारी डॉ. विपिन श्रीवास्तव ने पीसीवी टीका के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी। इस आयोजन में यूनिसेफ की डॉ. वंदना भाटिया और संचार प्रमुख अनिल गुलाटी भी मौजूद रहे।
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