New Delhi: गांधी की परिवार की पारंपरिक लोकसभा सीट मानी जाने वाली अमेठी और रायबरेली पर भाजपा की नजर है। वह इन दोनों सीटों को कांग्रेस से छीनने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है।
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वहीं ऐसी खबरें आ रही हैं कि अगले लोकसभा चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी इन दोनों सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं उतार सकती है। अगर ऐसा हुआ तो इससे कांग्रेस को काफी राहत की खबर है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बीसपी सुप्रीमो मायावती के करीबी नेता ने इस बात की पुष्टि भी की है। बीएसपी के नेता ने बताया कि, वोटों का बंटवारा रोकने के लिए यह कदम उठाया जाएगा तांकि कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला रहे।
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी अमेठी में 2004 से और रायबरेली में 2009 से लोकसभा चुनावों में इन दोनों सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही है। बीएसपी नेता ने बताया कि, 'अगर बीएसपी और समाजवादी पार्टी का लोकसभा चुनावों में गठबंधन होता है, तो इस बात की संभावना अधिक है कि बीएसपी रायबरेली और अमेठी में कोई अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। अगर ऐसा हुआ तो बीएसपी का वोट बैंक कांग्रेस की ओर मुड़ जाएगा। वहीं बीजेपी के नेता ने भी यह स्वीकारा है कि अमेठी में त्रिकोणीय लड़ाई सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाएगी।
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी अमेठी में 2004 से और रायबरेली में 2009 से लोकसभा चुनावों में इन दोनों सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही है। बीएसपी नेता ने बताया कि, 'अगर बीएसपी और समाजवादी पार्टी का लोकसभा चुनावों में गठबंधन होता है, तो इस बात की संभावना अधिक है कि बीएसपी रायबरेली और अमेठी में कोई अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। अगर ऐसा हुआ तो बीएसपी का वोट बैंक कांग्रेस की ओर मुड़ जाएगा। वहीं बीजेपी के नेता ने भी यह स्वीकारा है कि अमेठी में त्रिकोणीय लड़ाई सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाएगी।
2014 के चुनाव में स्मृति इरानी के अमेठी से चुनाव मैदान में उतरने के बाद बीजेपी का वोट शेयर 34 फीसदी हो गया और रायबरेली में यह 21 फीसदी रहा। कांग्रेस नेता के मुताबिक, 'बीएसपी कामग्रेस और एसपी आपस में तय करेंगे कि उन्हें कहां और कितनी सीटों पर लड़ना है। सीट शेयरिंग में कांग्रेस को रायबरेली और अमेठी समेत 10 से 12 सीटें मिल सकती हैं। आपको बता दें कि हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीएसपी उम्मीदवार को समर्थन किया था। हालांकि बीएसपी का प्रत्याशी हार गया, लेकिन मायावती ने कांग्रेस के इस सहयोग के लिए धन्यवाद बोला था।
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