New Delhi: पाकिस्तान के बाद अब फलस्तीन को दिए जाने वाली अमेरिका की तरफ से आर्थिक सहयोग को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रोकने की धमकी दी है।
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राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि अगर फलस्तीन शांति वार्ता में हिस्सा नहीं लेता है तो उसे दी जाने वाली आर्थिक सहायता रोेक दी जाएगी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वह फलस्तीन को दी जाने वाली आर्थिक तथा सुरक्षा सहायता को बंद किए जाने की बात कर रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 'ट्रंप फलस्तीन पर अमरीकी का सम्मान नहीं करने की तरफ इशारा कर रहे हैं और इस बात को लेकर उन्होंने कहा है कि जब आप हमारे लिए कुछ भी नहीं करते हैं तो हमें अापके लिए कुछ भी क्यां करना चाहिए।'
आपको बता दें कि इजरायल और फलस्तीन के बीच प्रस्तावित बातचीत में अमेरिका की तटस्थ भूमिका को फलस्तीन ने खरिज कर दिया है। यरूशलम को इजराॅयल की राजधानी घोषित करने के अमेरिकी निर्णय से फलस्तीन खफा है।
ट्रंप ने स्विटजरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए कहा, 'अमेरिका ने फलस्तीन को आर्थिक सहायता तथा मदद के तौर पर करोड़ों डालर की धनराशि प्रदान की है लेकिन फलस्तीन नेतृत्व ने इस हफ्ते हमारे उप राष्ट्रपति माइक पेंस से मिलने से मना कर उनकी तथा हमारी बेइज्जती की है और वह पहले राष्ट्रपति हैं जो आर्थिक सहायता को शांति बातचीत से जोड़ कर देख रहे हैं। यह धनराशि अभी भी मेज पर पड़ी हुई है लेकिन जब तक वे बातचीत की प्रकिया में हिस्सा नहीं लेंगे तब तक उन्हें नहीं दी जाएगी।'
उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मौजूदगी में कहा, 'मैं आपको बता सकता हूं कि इजरॉयल शांति चाहता है और उन्हें भी शांति ही चाहिए लेकिन अगर फलस्तीन ऐसा नहीं करता है तो हम फिर आपके लिए कुछ भी नहीं करने जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने हालांकि बाद में स्पष्ट करते हुए कहा कि ट्रंप आर्थिक सहायता की बात नहीं कर रहे थे बल्कि उनका इशारा द्विपक्षीय आर्थिक सहायता की तरफ था।
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब अमेरिका ने फलस्तीन को शांति बातचीत में हिस्सा लेने को मजबूर करने के लिए इस तरह की शर्त रखी है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नौअर्ट के मुताबिक लोगों को बातचीत की मेज तक लाने के लिए केवल एक यही रास्ता बचा है ।
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