Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

देश में दोबारा आ गई फूट डालो और राज करो की नीति, जाति के नाम पर हिंदुओं से लड़ रहे हिंदू

New Delhi : अंग्रेजो ने फूट डालों और राज करो वाली नीति अपना कर हमारे देश के ऊपर राज किया और बांटकर चले गए। 

वर्तमान में भी देश में कुछ ऐसा ही हो रहा है। जाति के नाम पर हिंदू आपस में ही लड़ बैठे हैं।  भीमा-कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर भड़की चिंगारी पूरे महाराष्ट्र में फैल रही है। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई थी, जिसके बाद पूरे राज्य में धीरे-धीरे हिंसा पुणे के बाद मुंबई तक फैली। राज्य सरकार ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। 


हिंसा के खिलाफ बुधवार को कई संगठनों ने बंद बुलाया है। संसद में भी ये मामला उठा। लोकसभा में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये फूट डालने की कोशिशों को नतीजा है। श्रद्धांजलि कार्यक्रम को लेकर विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है।

मुंबई के मशहूर डब्बावालों ने भी अपनी सर्विस को ठप रखेंगे। उन्होंने अपने ग्राहकों से खुद अपना टिफिन लाने को कहा है। इनके अलावा महाराष्ट्र बंद के कारण स्कूल बसों की सर्विस बंद रहेगी। मुंबई में करीब 40,000 स्कूल बस बंद रहेंगी, स्कूलों ने अभिभावकों से अपने वाहन से ही बच्चों को स्कूल छोड़ने को कहा है।


जगह-जगह दलित और मराठा समुदाय के बीच झड़प हुई। इसके बाद बीआर आंबेडकर के पोते ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है वहीं मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

प्रदर्शन के चलते औरंगाबाद में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं जबकि कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र के लिए जाने वाली कई राज्यों की बसें रोक दी गईं हैं। प्रदर्शनकारियों ने नालासोपारा में रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया है। राज्य में प्रदर्शन के कारण रिक्शा चालकों ने भी सेवाएं कम कर दी है।

बंद के बीच बुधवार को भी मुंबई में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। इस बीच मुलुंड आलाके में कुछ बसों को रोका गया है वहीं वर्ली में दो बेस्ट बसों में तोड़फोड़ हुई है। ठाणें में प्रदर्शनकारियों ने लोकल सेवा रोक दी लेकिन कुछ ही देर में आरपीएफ ने उन्हें खदेड़ दिया। प्रदर्शन को देखते हुए मुंबई में डिब्बावालों ने भी आज अपनी सेवा ना देने का ऐलान किया है जिसके चलते आज हजारों लोगों तक डिब्बे का खाना नहीं पहुंचेगा।

हिंसा के बाद कार्यक्रम में शामिल हुए दलित नेता जिग्नेश मेवाणी के अलावा उमर खालिद के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी के आरोप में पुणे के डेक्कन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज हुई है।इस बीच पूरे मामले में राजनीतिक बयानबजी शुरू हो गई है।

विवाद नववर्ष के पहले दिन सोमवार को अहमदनगर हाइवे पर झड़प के दौरान एक व्यक्ति की मौत से शुरू हुआ। मंगलवार को इस घटना के विरोध में पुणे, मुंबई और औरंगाबाद समेत 13 शहरों में हिंसा हुई। इस दौरान कई वाहनों व दुकानों में तोड़फोड़ की गई। अकेले मुंबई में 160 से अधिक बसों को नुकसान पहुंचा। यहां सौ से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। मुंबई में रेल और हवाई यातायात तक प्रभावित हो गए। लोगों की ट्रेनें और विमान छूट गए। पुणे हिंसा में शहर के दो दक्षिणपंथी संगठनों के नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने पुणे हिसा की जांच मुंबई हाई कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से कराने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी साजिश का नतीजा लगता है। उन्होंने हिंसा में मारे गए युवक राहुल के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की। हिंसा के चलते केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने फड़नवीस से फोन पर हालात की जानकारी ली। रिपब्लिकन नेता एवं डॉ। भीमराव आंबेडकर के पौत्र प्रकाश आंबेडकर ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है।

दरअसल, एक जनवरी, 1818 को पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव युद्ध में अंग्रेजों (ईस्ट इंडिया कंपनी) ने पुणे के बाजीराव पेशवा द्वितीय की सेना को हराया था। वहां अंग्रेजों ने अपनी विजय को यादगार बनाने के लिए स्मारक बनवाया था। नववर्ष पर इसी युद्ध स्मारक पर न सिर्फ करीब तीन लाख दलित श्रद्धांजलि देने पहुंच गए। इसकी पूर्व संध्या पर रविवार (31 दिसंबर) को पुणे में ही "शनिवारवाड़ा यलगार परिषद" का भी आयोजन किया गया। यह आयोजन पेशवाओं के ऐतिहासिक निवास शनिवारवाड़ा के बाहर किया गया, जिसमें गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी, रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का साथी और पूर्व छात्र उमर खालिद भी शामिल हुए।

आरोप है कि शनिवारवाड़ा यलगार परिषद में जिग्नेश मेवाणी ने भाजपा एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को "नया पेशवा" करार देते हुए इनके विरुद्ध सभी पार्टियों को साथ आकर लड़ने का आह्वान किया। महाराष्ट्र में पेशवाओं का शासन ब्राह्माण शासन व्यवस्था के रूप में देखा जाता है। इस परिषद का आयोजन पेशवाओं पर हमले के साथ-साथ वर्तमान ब्राह्माण मुख्यमंत्री के विरुद्ध भी "यलगार" माना जा रहा है। पुणे पुलिस में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ भड़काऊ बयान देने की शिकायत की गई है। इसके मुताबिक, इन दोनों के बयानों के बाद ही दो समुदायों में हिंसा भड़की।

Share the post

देश में दोबारा आ गई फूट डालो और राज करो की नीति, जाति के नाम पर हिंदुओं से लड़ रहे हिंदू

×

Subscribe to विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×