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New Delhi: हिंदू धर्म में माघ मास स्नान, तप व उपवास के लिए श्रेष्ठ माना गया है। इस बार माघ मास 2 जनवरी, मंगलवार से शुरू हो गया है, जो 31 जनवरी, बुधवार तक रहेगा।
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धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस महीने में यदि विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के साथ खास 5 काम किए जाए तो मनोकामनाएं पूरी होती हैं, साथ ही बुरा दौर हर तरह की परेशानियां भी खत्म हो सकती हैं। माघ एक ऐसा माह है जो भारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चंद्रमास व दसवां सौरमास कहलाता है। दरअसल मघा नक्षत्र के साथ पूर्णिमा तिथि होने के कारण ही यह महीना माघ मास कहलाता है।
माघ मास का महत्व -
इस महीने की प्रत्येक तिथि को एक पर्व व शुभफलदायी माना जाता है। शुद़ध और शीतल जल में नहाने का बहुत ही महत्व है। पद्मपुराण के उत्तरखंड में इसके महत्व को बताते हुए कहा गया है कि व्रत, दान और तपस्या से तो भगवान श्री हरि को प्रसन्नता होती ही है। इसके अलावा माघ मास में सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य के हर तरह के पाप और अनजाने में हुई गलतियाें का भी माफ कर देते हैं। जिससे इंसान का बुरा दौर खत्म हो जाता है। पद्मपुराण के अनुसार जो व्यक्ति इस महीने में पवित्र स्थलों पर स्नान करते हैं उन्हें स्वर्ग लाभ मिलता है। उनके सारे पाप कट जाते हैं व वे भगवान श्री हरि को प्राप्त करते हैं। इस महीने में जो ब्राह्मणों को तिल दान करते हैं, उन लोगों का बुरा समय खत्म हो जाता है। जो लोग इस महीने में एक समय भोजन करते हैं वो लोग भाग्यशाली होते हैं, उन्हें धन और संपत्ति मिलती है।
इसके अलावा निर्णय सिंधु ग्रंथ में कहा गया है कि इस माह कम से कम तीन दिन अगर इतना संभव न हो तो एक दिन शीतल जल में जरुर स्नान करना चाहिए इससे महापुण्य की प्राप्ति होती है। स्नान करने की उत्तम बेला तारे छिपने के बाद व सूर्योदय से पहले मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि सूर्योदय के पश्चात स्नान करने से पूण्य की प्राप्ति नहीं होती।
ये खास काम करें इस शुभ महीने में -
- इस खास महीने में सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं।
- उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाएं।
- इस महीने किसी ब्राह़मण या पंडित को ऊनी कपड़े दान करें।
- मंदिर में तिल और चावल का दान करें।
- किसी भूखे इंसान या ब्राह्मण को खाना खिलाएं।
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