New Delhi: अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर Pak सरकारी अपनी जमीं से चलने वाले आतंकी संगठनों से अपना रिश्ता खत्म नहीं करता है तो उसे अपने बड़े भूभाग से उसे हाथ धोना पड़ सकता है।
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अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने यह भी कहा कि अभी आतंकियों के फोकस पर काबुल है लेकिन एक दिन ऐसा भी आ सकता है कि इस्लामाबाद उनके लिए बेहतर टारगेट हो सकता है।
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अमेरिकी विदेश मंत्री टिलरसन ने कहा, 'पाकिस्तान ने तमाम आतंकी संगठनों को अपने यहां सुरक्षित पनाहगाह दिया है और इन संगठनों का आकार और प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। मैं पाकिस्तान के नेतृत्व से कहूंगा कि आप इन आतंकी संगठनों का टारगेट हो सकते हैं। एक दिन ऐसा आ सकता है कि काबुल से उनका ध्यान हट जाए और वे फैसला कर लें कि इस्लामाबाद उससे अच्छा टारगेट है।'
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एक अमेरिकी थिंकटैंक के कार्यक्रम में टिलरसन ने कहा कि पाकिस्तान को हक्कानी नेटवर्क के साथ अपने रिश्तों को खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और हक्कानी नेटवर्क के बीच यह रिश्ता करीब एक दशक पहले शुरू हुआ था लेकिन अब इसे खत्म करने की जरूरत है। टिलरसन ने कहा कि अगर पाकिस्तान सजग नहीं हुआ तो उसे अपने ही देश पर नियंत्रण खोना पड़ सकता है।
टिलरसन की इस चेतावनी के से पहले अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने बयान दिया था कि अफगानिस्तान के लिए अमेरिका की नई रणनीति की वजह से अफगान नैशनल सिक्यॉरिटी फोर्सेज को ताकत मिली है और अब तालिबान आतंकी पीछे हट रहे हैं। पेंटागन ने अपने बयान में कहा कि अमेरिकी की नई अफगान रणनीति से यह साफ हो चुका है कि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में तब तक रहेगी जब तक कि वहां स्थिरता नहीं आ जाती। बयान में कहा गया कि नई रणनीति से अमेरिकी जवानों को दुश्मन का सामना करने के लिए पहले से भी ज्यादा अधिकार दिए गए हैं।
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अमेरिका की तरफ से ये दोनों अहम बयान ऐसे वक्त में आए हैं जब ट्रंप प्रशासन बार-बार पाकिस्तान से कह रहा है कि वह अपनी सरजमीं पर आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करे। हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर इस्लामाबाद आतंकी संगठनों के खिलाफ प्रभावी ऐक्शन नहीं लेता है तो अमेरिका किसी भी हद तक जा सकता है। ट्रंप प्रशासन ने यह भी कहा था कि अफगानिस्तान में आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाले अभी भी पाकिस्तान में आसानी से रह रहे हैं। हालांकि इस्लामाबाद इन आरोपों को खारिज करता रहा है।
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