New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विवादित फिल्म पद्मावती की रिलीज को प्रतिबंधित करने संबंधी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को समझदारी और जांच के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए।
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प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने यह कमेंट तब की जब उन्हें बताया गया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड CBFC द्वारा इस फिल्म को अभी हरी झंडी नहीं दी गई है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, 'पद्मावती को CBFC से अभी भी प्रमाणित नहीं किया गया है। इसमें हमारा हस्तक्षेप इस मामले की पहले ही जांच के बराबर होगा। हमारा ऐसा करने का इरादा नहीं है।'
कोर्ट ने यह आदेश वकील एम.एम.शर्मा द्वारा फिल्म से आपत्तिजनक सीन हटाए जाने तक इसे प्रतिबंधित करने संबंधित याचिका पर दिया। शर्मा ने फिल्म डायरेक्टर भंसाली के खिलाफ आपराधिक मामल दर्ज करने की भी मांग की थी। बता दें, संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राजस्थान में मामला गहमागहमी में था ही कि अब इसे दूसरे राज्यों भी विवाद बढ़ता ही जा रहा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर सेंसर बोर्ड फिल्म को पास भी कर देती है, तब भी राज्य में यह रिलीज नहीं होगी, जबकि पंजाब के उनके समकक्ष अमरिंदर सिंह ने राजपूतों की आपत्तियों का समर्थन किया है। चौहान ने भोपाल में एक कार्यक्रम में ऐलान किया कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़' हुई है और इसे राज्य में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म को लेकर विरोध करना राजपूत समुदाय का अधिकार है, क्योंकि यह ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ है, जिसे कोई भी स्वीकार नहीं करेगा।
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