New Delhi: एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018-19 में नौकरियों में गिरावट की संभावना है। प्राइवेट क्षेत्र में जॉब में गिरावट रहेगी। कारण कंपनियां अभी अपना लोन कम करने और बैलेंस शीट से बोझ कम करने में जुटी है।
Related Articles
एसोचैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉरपोरेट जगत अपनी बैलेंस शीट को हलका करने में जुटा है। कंपनियां अभी गैर प्रमुख उद्योग से निकलने और संगठित होने की कोशिश कर रही हैं। यह रिपोर्ट एसोचैम ने अपने मेंबर के रिस्पांड के आधार पर तैयार की है। जिसके कारण 2018 और 19 में प्राइवेट क्षेत्र की जॉब में दिक्कते होंगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनियां अपने मार्जिन में सुधार और कर्ज की लागत को कम करने में व्यस्त होंगी। यहां तक की टॉप कंपनियों की वृद्धि दर भी प्रभावित होगी। कहा गया है कि इन हालात में नई भर्तियों की संभावना बहुत कम ही है। कम से कम दो तिमाही तक ये संभावना बरकारार रहेगी। हालांकि अगले वित्त वर्ष से चीजें सुधरेंगी। बता दें कि ज्यादातर कटौती टेलीकॉम, निजी बैंकों और गैर-बैकिंग वित्त कंपनियों के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी, रियल्टी और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में हो रही है।
जिनसे बड़े पैमाने पर देश में रोजगार पैदा होता है। खासकर सरकार द्वारा पुनर्पूंजीकरण के बाद सरकारी बैंक भी अपने अनुपात को कम करने के लिए कर्मचारियों की लागत में कटौती करेंगे और नई भर्तियों में भी कटौती होगी। एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत का कहना है कि हालांकि मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग बढ़ाने से उद्योग जगत की भावना में सुधार हुआ है, लेकिन अगली दो तिमाहियों तक निजी क्षेत्र की स्थिति चुनौतीपूर्ण रहेगी।
This post first appeared on विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत, please read the originial post: here