New Delhi: DRS को लेकर एक बार फिर से विवाद हो रहा है। संजय मांजरेकर का कहना है कि DRS के इस्तेमाल में डाउट होने पर बल्लेबाजों को ड्रेसिंग रूम से मदद की परमिशन मिलनी चाहिए।
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चूंकि रविवार को श्रीलंकाई बल्लेबाज दिलरुवान परेरा ने DRS के फैसले की मांग की थी, जिसके फैसले को बदलने की मांग उठने लगी है। माना जा रहा है कि परेरा ने ड्रेसिंग रूम की तरफ देखने के बाद इसकी मांग की थी। मामले पर कमेंटेटर संजय मांजरेकर का कहना है कि डीआरएस के इस्तेमाल में डाउट होने पर ड्रेसिंग रूम से मदद की अनुमति मिलनी चाहिए।
बता दें कि जब श्रीलंका की टीम 57वें ओवर में सात विकेट के नुकसान पर 208 रन बना चुकी थी। तब परेरा का 7 गेंदें खेलने के बाद भी खाता नहीं खुला था। और अंपायर नाइजेल लॉन्ग ने उन्हें मोहम्मद शमी की गेंद पर एलबीडब्लू आउट करार दिया था ।
आउट होने के बाद परेरा जब पवेलियन की तरफ मुड़ रहे थे, तभी उन्होंने ड्रेसिंग रूम की ओर देखा और डीआरएस की मांग कर बैठे। तब डीआरएस से पता चला कि परेरा आउट नहीं हुए थे। मामले पर संजय मांजरेकर का कहना है कि उन्हें लगा कि जो भी उन्होंने टीवी पर देखा, उससे यही पता चलता है कि डीआरएस के इस्तेमाल के लिए ड्रेसिंग रूम से इशारे किए गए थे, हालांकि इसके पुख्ता सबूत नहीं हैं।
संजय का कहना है कि अगर 15 सेकेंड में बल्लेबाज ड्रेसिंग रूम की ओर देखने के बाद डीआरएस की मांग करता है, तो उन्हें नहीं लगता कि इसमें कोई बड़ी बात है। उनका कहना है कि एक बार फिर इस मामले में नियम की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए और इसमें बदलाव किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब हम टीवी में देखते हैं, तो सही तरीके से देखते हैं और यह दोनों टीमों के लिए अच्छा होता है। उनका मानना है कि फैसला सही हो, इसलिए इस पर विचार किया जाना चाहिए।
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