New Delhi:
यह घटना इंदौर शहर की है जहां से सोमवार को रेलवे पुलिस ने धर्मांतरण मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस ने एक महिला और एक शख्स को हिरासत में लिया है। इन पर आरोप है कि ये 10 बच्चों को धर्म परिवर्तन कराने मुंबई ले जा रहे थे। इन्हें अंवतिका एक्सप्रेस से अरेस्ट किया गया है। फिलहाल, बच्चों का रेस्क्यू कर उन्हें शेल्टर होम भेजा दिया गया है।
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रेलवे एसपी के मुताबिक, जानकारी मिलने के बाद ट्रेन में सर्चिंग की तो 10 बच्चे मिले हैं। इनमें चार लड़कियां और छह लड़के, जिनमें आठ माइनर हैं। दो बच्चों की उम्र तो पांच और छह साल ही है। बच्चों के साथ अनिता फ्रांसिस नाम की एक महिला और अमृत कुमार नाम का शख्स भी था। बच्चों के मुताबिक वे मुंबई में अप्पा सभा में प्रार्थना करने जा रहे थे।
आरोपियों पर एमपी फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 1968 के सेक्शन 3/4 और आईपीसी सेक्शन 363 के तहत किडनैप करने का केस दर्ज किया गया है।
मुंबई से केरल ले जाने की थी तैयारी। सभी बच्चे क्रिश्चियन कॉलोनी के हैं। बच्चों को पर्सनल ट्यूशन दिए जाने के जानकारी हाईकोर्ट वकील को मिली थी। जिसके बाद रेलवे पुलिस को सूचना दी गई थी।
जानकारी के मुताबिक, बच्चों को मुंबई भेजा जा रहा था। दिसंबर तक वहां रखा जाता फिर 12 जनवरी को केरल ले जाने का प्लान था। हिंदू जागरण मंच के मुताबिक आरोपियों के पास हिंदू धर्म की कुछ धार्मिक पुस्तकें जली और फटी मिली हैं। कुछ बच्चों के नाम भी बदले गए हैं। आरोपियों का कहना है कि हमने किसी का कोई धर्मांतरण नहीं करवाया है। सभी बच्चे ईसाई धर्म के हैं। उन्हें परिवार की सहमति से प्रार्थना सभा के लिए ले जा रहे थे।
इधर, जिन नाबालिग बच्चों को पुलिस ने रेस्क्यू किया है, उनमें कुछ बच्चों की मां ईसाई हैं तो कुछ के पिता। आपसी अनबन के कारण कुछ माता-पिता बच्चों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए अपनी इच्छा से प्रार्थना सभा में भेज रहे थे। बच्चों ने बात करने के दौरान जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराने की बात से इनकार किया, लेकिन पांच साल की बच्ची और एक बच्चे ने कहा कि उन्हें प्रभु इशू की अच्छाइयां बताकर प्रार्थना सभा में ले जाया जा रहा था।
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