New Delhi:
अमेरिका के ह्यूस्टन में पुलिस ने एक 3 साल की बच्ची का शव बरामद किया है। बताया जा रहा है कि यह बच्ची बिहार के नालंदा जिले की है। बच्ची नालंदी जिले के किसी अनाथालय की बताई जा रही है। मदर टेरेसा अनाथ सेवा आश्रम द्वारा संचालित विशिष्ट दत्तक संस्थान से 23 जून 2016 में अमेरिकन दंपत्ति (वेसले मैथ्यूज और उसकी पत्नी) ने बच्ची सरस्वती (अमेरिका ले जाकर नाम बदलकर शेरिन रखा गया) को गोद लिया था। वेसले मैथ्यूज ने बच्ची की एक गलती की ऐसी सजा दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
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तीन साल की बच्ची शेरिन बीते दो हफ्ते से लापता थी। शेरिन को उसके पिता वेसले मैथ्यूज ने महज इस बात पर रात को घर बाहर निकाल दिया था, क्योंकि उसने दूध खत्म नहीं किया था। वह ठीक से नहीं बोल पाती थी। उसे 7 अक्टूबर को रिचर्डसन स्थित अपने घर के पीछे देखा गया था।
रिचर्डसन पुलिस का कहना है कि उन्हें सड़क के नीचे स्थित टनल से बॉडी पार्ट्स मिले हैं। पुलिस का मानना है कि बच्ची शेरिन हो सकती है। हालांकि, बच्ची की आइडेंटिटी कन्फर्म नहीं हुई है। बच्ची की बॉडी मैथ्यूज हाउस से करीब एक किमी दूर मिली। पुलिस ने बच्ची की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया था। मेडिकल एग्जामनर मौत के कारण की जांच कर रहे हैं।
अमेरिकी मीडिया एनबीसी के मुताबिक, यह घटना 7 अक्टूबर तड़के की है। वेसले मैथ्यूज ने शेरिन को दूध पूरा नहीं पीने की वजह से घर के बाहर पेड़ के नीचे खड़े रहने की सजा दी। करीब 15 मिनट जब वेसले बेटी को देखने पहुंचा तो वो वहां नहीं थी। पांच घंटे बीत जाने के बाद भी वेसले ने इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी।
पुलिस का कहा था कि रिपोर्ट करने में देरी करना संदेह पैदा करने वाली बात है। वेसले को 7 अक्टूबर की रात को अरेस्ट किया गया था। उस पर बच्चे के साथ लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। हालांकि, बाद में उसे 2.5 लाख डॉलर के बॉन्ड पर रिहा भी कर दिया गया। अरेस्ट वारंट एफिडेविट के मुताबिक, वेसले ने बताया कि वह केरल का रहने वाला है। उसने रात 3 बजे बेटी से कहा था कि वह घर के बाहर एक बड़े पेड़ के नीचे खड़ी हो जाए।
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