.
New Delhi: हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार अधिकतर देवी-देवताओं को कोई ऐसी चीज चढ़ाई जाती है जो उन्हें प्रिय होती है जैसे नवरात्रों में दुर्गा मां को लाल चुन्नी चढ़ाई जाती है। भगवान गणेश को मोदक, भगवान शिव को कच्चा दूध और श्रीकृष्ण को मक्खन यानि माखन चढ़ाया जाता है।
Related Articles
लेकिन क्या आपने कभी इस ओर ध्यान दिया है कि भगवान शिव और श्रीकृष्ण दोनों को दूध पसंद है लेकिन दूध की अवस्था अलग है। जहां भगवान शिव को दूध की प्रथम अवस्था ‘कच्चा दूध’ प्रिय है वहीं दूसरी तरफ श्रीकृष्ण को दूध की अंतिम अवस्था यानि ‘मक्खन’ या माखन प्रिय है।
जिस तरह संसार में मौजूद हर एक चीज का कारण होता है उसी प्रकार पौराणिक कथाओं और मान्यताओं का भी एक आधार होता है। जिसे अगर सही दिशा में सोचा जाए तो पुराणों मे छुपी कई कहानियों के तथ्य मिलते हैं। भगवान शिव को कच्चा दूध चढ़ाने के पीछे ये तथ्य है कि भगवान शिव को किसी भी जीव या वस्तु की प्राकृतिक अवस्था प्रिय है। जैसे कच्चा दूध, दूध की प्रथम अवस्था है।
इसका मानवीकरण करें तो जिस प्रकार शिशु जन्म लेता है उसे सांसरिक बधनों या माया से कुछ लेना-देना नहीं होता। यानि वो प्रकृति के सबसे समीप रहता है। इसी तरह बिना किसी मिलावट और नकरात्मक तत्व रहित कच्चा दूध शिव को प्रिय है।
इसी प्रकार श्रीकृष्ण को मक्खन प्रिय है जो कि दूध की अंतिम अवस्था है। जिस प्रकार मनुष्य जन्म के बाद से जीवन के कई पड़ावों से गुजरते हुए, कई अनुभवों को लेकर अपने जीवन की चरम अवस्था तक पहुंचता है। यानि वो अंत में सभी प्रकार की मोह-माया और बंधनों से मुक्त होकर मक्खन या माखन जैसी शुद्ध अवस्था तक पहुंचता है। इसलिए श्रीकृष्ण को संसार में रहते हुए भी उसके मोह में न पड़ने वाले मनुष्य बहुत प्रिय होते है।
This post first appeared on विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत, please read the originial post: here