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New Delhi: अगर आप मुस्लिम हैं और आपने फेसबुक, ट्विटर या अन्य सोशल साइट्स पर फोटो अपलोड या शेयर किया तो आपके खिलाफ फतवा जारी हो सकता है। विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुम उलूम देवबंद ने सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट करने या शेयर करने को हराम करार देते हुए एक फतवा जारी किया है।
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देवबंद के इफता यानि फतवा विभाग में एक शख्स ने लिखित तौर पर यह पूछा था कि क्या फेसबुक और वॉट्सऐप पर अपना या पत्नी का फोटो अपलोड या शेयर करना क्या इस्लाम में जायज है?
सवाल के जबाव मे देवबंद फतवा विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों को अपने या अपने परिवार के सदस्यों के फोटो फेसबुक, वॉट्सऐप या किसी अन्य सोशल साइट्स पर अपलोड या शेयर करना इस्लाम में नाजायज है।
विभाग का कहना है कि देवबंद से जारी यह फतवा हालांकि एक व्यक्ति के लिए जारी हुआ है, लेकिन यह दुनिया भर के मुस्लिमों के लिए है। सोशल मीडिया पर पूरे विश्व के लोग आपस में जुड़े हैं। इस मामले में मदरसा जामिया हुसैनिया के मुफ्ती तारीख कासमी ने कहा है कि यह फतवा बिल्कुल सही है। उनका कहना है कि इस्लाम के मुताबिक फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल साइट्स पर अपनी या बीवी या किसी गैर महिला की फोटो अपलोड करना और शेयर करना जायज नहीं है।
गौरलतब है कि 5 साल पहले साल 2012 में उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में दरगाह आला हजरत के एक मदरसे ने भी फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फोटो अपलोड करने को नाजायज करार देते हुए मुसलमानों को इससे परहेज करने की सलाह दी थी। उस वक्त इजहार नाम के शख्स ने मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के फतवा विभाग से इसको लेकर सवाल किया था। उस वक्त मुफ्ती सैयद मोहम्मद कफील ने कहा कि इस्लाम में तस्वीर को नाजायज करार दिया गया है। इंटरनेट पर शादी के लिए या फिर फेसबुक पर फोटो अपलोड करने को हराम बताया गया था। उन्होंने कहा था कि शादी के लिए फोटो लगाना बेहयाई है और मुसलमानों को इससे बचना चाहिए।
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