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New Delhi : पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने ममता बनर्जी को जन्मजात विद्रोही करार दिया और उन क्षणों को याद किया जब वह एक बैठक से सनसनाती हुई बाहर चली गई थीं और वह खुद को कितना अपमानित और बेइज्जत महसूस कर रहे थे।
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मुखर्जी ने अपने नई किताब 'द कोएलिशन ईअर्स' में ममता के व्यक्तित्व की उस आभा का जिक्र किया है जिसका विवरण कर पाना मुश्किल और अनदेखी करना असंभव है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि ममता ने निडर और आक्रामक रूप से अपना रास्ता बनाया और यह उनके खुद के संघर्ष का परिणाम था।
उन्होंने लिखा, 'ममता बनर्जी जन्मजात विद्रोही हैं।' उनकी इस विशेषता को वर्ष 1992 में पश्चिम बंगाल कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव के एक प्रकरण से बेहतर समझा जा सकता है, जिसमे वह हार गई थीं। प्रणव ने याद किया कि उन्होंने अचानक अपना दिमाग बदला और पार्टी इकाई में खुले चुनाव की मांग की।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी नई किताब में कई राजनीतिक हालातों का विवरण दिया है। मुखर्जी ने इस किताब में गुजरात के गोधरा कांड को वाजपेयी सरकार पर कलंक बताया, तो वहीं 2004 में बीजेपी की हार के कारण भी गिनाए हैं।
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