New Delhi:
अभी अभी पीएम मोदी ने ब्रिक्स समिट के 9वें सम्मेलन के दौरान एक बार फिर से आतंकवाद का मुद्दा उठाया है। समिट शुरू होने से पहले चीन ने कहा था कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर जिक्र नहीं होगा, लेकिन पीएम मोदी के सामने चीन की चाल को एक नहीं चलने दिया। और हर मुद्दे पर आतंकवाद, चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब मिला।
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मंगलवार को BRICS में बिजनेस काउंसिल को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा। हम सभी को आतंकवाद से लड़ने के लिए नए कदम उठाने होंगे। मोदी ने कहा कि हम मजबूत अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। पीएम ने अपने भाषण में सबका साथ-सबका विकास की बात की। पीएम बोले कि हमारे लिए आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन से लड़ने को तैयार होना होगा।
इससे पहले ब्रिक्स श्यामन 2017 के घोषणापत्र में आतंकवाद का जिक्र किया गया है। इस घोषणापत्र में लश्कर-ए-तयैबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत कुल 10 आतंकी संगठनों का जिक्र है।
ब्रिक्स समिट में भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। ब्रिक्स श्यामन घोषणापत्र के 48वें पैराग्राफ में आतंकवाद पर कड़ी चिंता व्यक्त की गई है। इसमें लिखा गया है कि हम लोग आस-पास के इलाके में फैल रहे आतंकवाद और सुरक्षा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हैं।
घोषणापत्र में कहा गया है कि हम लोग दुनिया भर में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की। इसमें कहा गया है कि आतंकवाद को किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता है। घोषणापत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि सभी ब्रिक्स देश आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे।
वहीं आज पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंगसे मुलाकात करेंगे। पीएम और जिनपिंग की यह मुलाकात भारतीय समयानुसार 10 बजे होगी। हमारे विकास के एजेंडे का आधार 'सबका साथ, सबका विकास' है। पीएम ने कहा कि आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में हमें समन्वयित कार्रवाई और सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा।
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