Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

तीन कारण, जो बताते हैं जेल में बैठा बाबा तो नकली है, असली वाला तो हनीप्रीत के साथ भाग गया

..........

New Delhi : बलात्कार के जुर्म में रोहतक जेल में सजा काट रहा शख्स डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम नहीं, बल्कि उनका डुप्लीकेट हैं। फेसबुक पर ऐसे दावे क्यों कर रहे लोग, जानिए सच्चाई..

दावा-1: 17 अगस्त को दाड़ी और बाल छोटे थे

17 अगस्त को डेरा सच्चा सौदा में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का जन्म दिवस मनाया जा रहा था। इस कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा अतिथि के रूप में पहुंचे थे। शिक्षा मंत्री ने डेरा प्रमुख के पैरों मेें गिरकर प्रणाम करते 51 लाख रुपये डेरा को देने की घोषण किया।

मीडिया कर्मियों ने डेरा मुखी और रामविलास शर्मा की फोटो अपने कैमरों में कैद की। इस तस्वीर में डेरा मुखी की दाडी के बाल और सिर के बाल ज्यादा बड़े नहीं दिख रहे, जबकि सात दिन बाद जब डेरा मुखी सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषी करार दिया गया तब उनकी दाड़ी व बाल काफी लंबे दिख रहे हैं। सात दिनों में किसी भी शख्स के बाल इतनी जल्दी बढ़ नहीं सकते। इसको लेकर भी लोगों में काफी चर्चा हो रही है।

दावा-2: प्लास्टिक सर्जरी : 

लोगों में चर्चा है कि डेरा सच्चा सौदा में डेरा ने मेदांता की तर्ज पर बड़ा अस्पताल खोल रखा था। विदेश से प्लास्टिक सर्जरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर को बुलवाया गया हो और उसने डेरा के अस्पताल में ही डेरा प्रमुख के नजदीकी शख्स की प्लास्टिक सर्जरी करके उसे गुरमीत राम रहीम जैसा बना दिया हो।

इस प्रकार की सर्जरी में कई महीने लगते हैं और डेरा के अंदर खुफिया तरीके से इस सर्जरी को किया जा सकता है, क्योंकि बिना डेरा प्रमुख के इशारे से डेरा सच्चा सौदा के अंदर परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। डेरा प्रमुख को काफी समय पहले ही अपने ऊपर सीबीआई कोर्ट में चल रहे मामलों के संबंध में ये अंदाजा हो चुका था कि एक न एक दिन उसे जेल जाना पड़ सकता है। ऐसे में उसने बचने के लिए हर प्रकार से एडी चोटी का जोर रखा रहा था। ऐसी चर्चा है कि संभवत: इसलिए डेरा प्रमुख ने प्लास्टिक सर्जरी के जरिए अपना डुप्लीकेट तैयार किया हो।

दावा 3: मेडिकल जांच : 

किसी भी शख्स को अदालत से सजा होती है तो उसे जेल ले जाने से पहले उसकी मेडिकल जांच करवाई जाती है। सीनियर पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मेडिकल जांच में केवल यह देखा जाता है कि दोषी के शरीर पर कोई चोट तो नहीं लगी हुई।

शरीर पर किसी प्रकार का निशान है या नहीं। दोषी के फिंगर प्रिंट लेने के बाद उसे जेल में छोड़ा जाता है। पुलिस जेल प्रशासन को दोषी की मेडिकल रिपोर्ट सौंपती है। इसके बाद जेल प्रशासन मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दोषी चोट व निशान को कागजों में दर्ज कर लेता है। मेडिकल जांच में ऐसा कुछ नहीं देखा जाता कि जिस शख्स को सजा हुई है क्या वो वही असल शख्स है जिसने अपराध को अंजाम दिया।

डीएनए टेस्ट करवाए कोर्ट

शहरवासियों में चल रही चर्चा में लोगों ने ये बोलना शुरू कर दिया है कि सरकार की बातों पर भरोसा नहीं, इसलिए अदालत जेल में कैद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख का डीएनए टेस्ट करवाकर रिपोर्ट को सार्वजनिक करें, ताकि जनता को भरोसा हो सके कि जेल में कैद शख्स डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ही है।

Share the post

तीन कारण, जो बताते हैं जेल में बैठा बाबा तो नकली है, असली वाला तो हनीप्रीत के साथ भाग गया

×

Subscribe to विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×