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New Delhi: डोकलाम विवाद पर कई हफ्तों से जारी बयानबाजी और चीन के सख्त रुख का जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तोड़ निकाला, उसका सीधा असर चीन में देखने को मिल रहा है। डोकलाम पर चीन की ओर से जारी बयानबाजी और धमकियों के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना हटाने से इंकार कर दिया। उन्होंने सख्ती दिखाकर ये जता दिया की गीदड़भभकी से भारत कमजोर नहीं पड़ेगा। इसका असर भी नजर आया और चीन को डोकलाम में अपने पैर पीछे खींचने पड़े।
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प्रधानमंत्री मोदी की इस कामयाब रणनीति के बाद ऐसी जानकारी मिल रही की चीन की नजरें अब प्रधानमंत्री मोदी पर टिक गई हैं। माना जा रहा है कि चीन के अधिकारी प्रधानमंत्री मोदी के मुरीद बन गए हैं। खबर है कि चीन के अधिकारी इस बात से भी परेशान हैं कि आखिर मोदी इतना कम क्यों सोते हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में ये खुलासा कई बार सामने आ चुका है कि वो महज कुछ घंटे की नींद लेते हैं। उनकी दिनचर्या आराम के पल बहुत कम ही होते हैं। लगातार काम करना और कुछ नया करने की उनकी कोशिश हमेशा बनी रहती है। देश से जुड़ा मुद्दा या फिर पड़ोसी मुल्क या अंतरराष्ट्रीय मामला हो, उनकी रणनीति बिल्कुल जुदा नजर आती है। ये बात हाल में चीन से चल रहे डोकलाम विवाद के दौरान सभी ने देखा।
जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के सामने सख्त रुख अख्तियार किया, उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब दिया। इसके बाद चीन ने भी समझ लिया कि उन्हें बैकफुट पर जाने में ही फायदा है। यही वजह है कि चीन ने बातचीत के जरिए डोकलाम विवाद सुलझाने का फैसला लिया। आखिर में पूरे विवाद को लेकर बीच का रास्ता निकाला गया। चीन और भारत दोनों ने ही ये फैसला लिया कि डोकलाम से दोनों देशों की सीमाएं हटेंगी।
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