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NEW DELHI :
टीम इंडिया में आजकल इतने प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं कि एक साथ तीन अंतरराष्ट्रीय टीमें खिलाई जा सकती हैं। ऐसे में भारतीय वनडे टीम मे किसे खिलाया जाए किसे नहीं खिलाया जाए यह एक बड़ा जटिल काम मालूम पड़ता है। वहीं मध्यक्रम में केएल राहुल की अनिरंतर फॉर्म मनीष पांडे के लिए टीम इंडिया में जगह बनाने का सुनहरा मौका साबित हो सकता है। पांडे इंडिया ए की पिछली सीरीज में खासे सफल रहे थे। इस दौरान उन्होंने 307 रन बनाए थे और कुल एक बार आउट हुए थे।
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उनके इस शानदार प्रदर्शन के कारण ही उन्हें टीम इंडिया की ओर से श्रीलंका के खिलाफ चौथे वनडे मैच में खिलाया गया। उन्होंने इस मौके को भुनाया और नाबाद 50 रन ठोंक दिए। इस तरह से टीम इंडिया ने 50 ओवरों में 375 का विशाल स्कोर खड़ा किया और श्रीलंका के खिलाफ एक और शानदार जीत दर्ज करते हुए सीरीज में 4-0 से बढ़त ले ली। इस दौरान पांडे ने छठवें विकेट के लिए एमएस धोनी के साथ 74 गेंदों में 101 रनों की नाबाद साझेदारी निभाई। धोनी का यह 300वां वनडे मैच था।
अपने पूर्व कप्तान की तारीफ करते हुए पांडे ने कहा, मैं पहले से ही धोनी के साथ कुछ मैच खेल चुका हूं और मैं जानता हूं कि कैसे वह खेलते हैं। मुझे पता है कि कैसे उन्हें स्ट्राइक रोटेट करना पसंद है। मुझे उसके साथ बैटिंग करना पसंद है जो स्ट्राइक रोटेट करता है। कभी न कभी हमें चौके मिल जाते हैं लेकिन इस तरह से स्कोरबोर्ड बढ़ता रहता है। माही भाई के साथ आप हमेशा तेज रन लेने को तैयार रहते हैं और वह आपको सलाह देते रहते हैं।
पांडे ने कहा, जब आपको पता होता है कि आपने काफी रन बनाए हैं तो इससे आपको मदद मिलती है। आपको पता होता है कि आपको वनडे टीम में जगह मिल जाएगी और आपको उसका धैर्यपूर्वक इंतजार करना है। जब आपको वह मौका मिलता है, तो आप उसी तरह से बैटिंग करते हैं जिस तरह से आप बैटिंग करते आए हैं। इंडिया ए सीरीज के दौरान मैंने उसी तरह से बैटिंग की जिस तरह से मैंने आज की। इसलिए मेरे लिए वापसी करना कोई ज्यादा अलग नहीं था। मैं नेट्स में अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था इसलिए मुझे गेंद को देखना था और खेलना था।
बैटिंग को लेकर पांडे ने की थी शास्त्री से बात: इसके पहले शतक लगाने वाले विराट कोहली और रोहित शर्मा ने दूसरे विकेट के लिए रिकॉर्ड 219 रन जोड़े और पांडे 35वें ओवर में नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने को आए। उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत शांत अंदाज में की और बाद में अर्धशतक बनाया।
पांडे ने आगे कहा, मेरी रवि शास्त्री से एक दिन पहले और गेम के थोड़ी देर पहले यह बातचीत हुई थी कि मैं कितना समय लूं जब मैं अपना स्वभाविक गेम खेलना शुरू करूं? मुझे विकेट को जानने के लिए 6 से 10 बॉल खेलनी होती हैं। जब मिडिल ऑर्डर आउट हुआ तब विकेट थोड़ा स्पिन हो रहा था। दूसरे छोर से विकेट गिर रहे थे लेकिन मुझे धैर्य बनाए रखना था और स्ट्राइक रोटेट करनी थी। आखिरकार मैंने इसे अंजाम दिया।
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