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New Delhi: मेट्रो शहरों और अन्य बड़े शहरों के बीच संचालित होने वाली घरेलू उड़ानें शुक्रवार से 100 रुपये तक महंगी हो जाएंगी। सरकार ने हर घरेलू उड़ान पर 5000 रुपये चार्ज लगाने का फैसला किया है जिसकी मदद से एक रीजनल कनेक्टिविटी फंड (RCF) बनाया जाएगा। इस फंड का इस्तेमाल घरेलू उड़ानों के किराए की अधिकतम सीमा को 2,500 रुपये प्रति घंटे तक सीमित करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा एविएशन टरबाइन फ्यूल भी शुक्रवार से महंगा हो गया है, जिसका असर यात्रियों की जेब पर पड़ेगा।
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तेल कंपनियों ने एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की कीमत में भारी इजाफा करते हुए इसे 4% बढ़ा दिया है। दिल्ली में उदाहरण के तौर पर, इंडियन ऑइल की वेबसाइट के मुताबिक, ATF का दाम अब प्रति लीटर 50,020 रुपये होगा, जबकि अगस्त में यह 48,110 हुआ करता था। यही वजह है कि आने वाले त्योहारों के सीजन में हवाई यात्रा महंगी हो सकती है।
एयरलाइंस ने यह नहीं बताया है कि इसका किराए पर कितना असर होगा, लेकिन यह जरूर कहा गया है कि ऑपरेटिंग कॉस्ट का असर ग्राहकों की जेब पर पड़ना तय है। एक एयरलाइन अधिकारी ने कहा, 'रीजनल सेस और ATF के बढ़े दाम शुक्रवार से प्रभावी हो रहे हैं और इसका मतलब यह है कि किराए में इजाफा होगा क्योंकि त्योहारों के मौसम में यात्रियों की संख्या भी काफी बढ़ जाती है। लोगों के लिए यही बेहतर होगा कि वे अडवांस में टिकट बुक करा लें, क्योंकि जितनी देर टिकट खरीदने में होगी यात्रा उतनी ही महंगी पड़ेगी।
एयरलाइन अधिकारियों का कहना है कि प्रति फ्लाइट 5000 रुपये सेस के चलते किराए में 50 से 100 रुपये तक का इजाफा होगा। पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसके लिए फ्लाइट टिकट पर 2% सरचार्ज लगाने पर विचार किया था, लेकिन अरुण जेटली और पीयूष गोयल जैसे प्रभावशाली केंद्रीय मंत्रियों के विरोध के चलते यह तय किया गया कि प्रति फ्लाइट 8,000 रुपये सेस लगाया जाएगा। इसके बाद इसे घटाकर 5,000 रुपये कर दिया गया, जिससे यात्रियों पर सिर्फ 50-100 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
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