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Chennai: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए गुरुवार को पहली बार निजी कंपनियों के सहयोग से बने अपने किसी उपग्रह (सेटेलाइट) को लॉन्च कर दिया है। इसका नाम IRNSS-1 एच है। इसकी लॉन्चिंग को लेकर काउंटडाउन शुरू हो गया है।
इसरो ने गुरुवार शाम करीब सात बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से इसे PSLV-C 39 रॉकेट की मदद से इस उपग्रह को अंतरिक्ष में लांच किया। ISRO के एक अधिकारी ने बताया कि यह इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम का आठवां उपग्रह है और यह IRNSS-1ए की जगह लेगा, जिसकी परमाणु घडि़यों ने काम करना बंद कर दिया है। 2013 में छोड़े गये IRNSS-1ए की परमाणु घड़ियां बंद हो चुकी थी, जिसके कारण सैटेलाइट सही से काम नहीं कर रहा था।
इस उपग्रह का वजन 1,400 किलोग्राम है, जिसे ISRO ने छह लघु एवं मध्यम उद्योगों के समूह के साथ मिलकर बनाया है। भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (ISRO) एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली है, जिसे अमेरिका स्थित GPS के अनुरूप भारत में विकसित किया गया है।
ISRO के मुताबिक यह पहला मौका है, जब किसी उपग्रह के निर्माण में निजी कंपनियां सीधे तौर पर शामिल हुई हैं। इससे पहले उपग्रह निर्माण में निजी कंपनियां केवल हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, पार्ट और जरूरी सामान ही मुहैया कराती थीं, मगर इस उपग्रह में निजी कंपनियों के इंजीनियर और टेक्निकल्स असेंबलिंग, इलेक्ट्रिकल इंटीग्रेशन, टेस्टिंग आदि काम में शामिल रहे हैं। इसके लिए छह निजी कंपनियों का एक समूह बनाया गया था।
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