NEW DELHI:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि बीते वित्त वर्ष कितने नोट छापे गए और नोटों की छपाई पर कितना खर्चा आया है। इस रिपोर्ट के मुताबकि 9 नवंबर से 31 दिसंबर तक करीब 2380 करोड़ नोटों की छपाई की गई है।
Related Articles
साथ ही उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2016-17 में नोटों की छपाई में कुल खर्च 7965 करोड़ रुपए का रहा है। आरबीआई की सालाना रिपोर्ट में कहा गया कि 4 नवंबर 2016 की तुलना में 31 मार्च 2017 तक नोटों के सर्कुलेशन में 74 फीसद तक का इजाफा किया गया है। आरबीआई का कहना है कि साल दर साल के आधार पर मार्च के अंत तक नोटों का सर्कुलेशन 20.2 फीसद घटकर 13.1 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर आ गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने बताया कि हमें कैश लेन-देन में कमी लाने की जरूरत है।
आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट में कहा गया कि मार्च 2017 तक 1000 रुपए के करीब 89 मिलियन नोट प्रचलन में थे, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 6.33 बिलियन का रहा था। केंद्रीय बैंक ने कहा कि नोटबंदी के बाद अब करेंसी डिमांड 87 फीसद के आसपास रही है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि मार्च 2017 तक सालाना आधार पर 86.4 फीसद करेंसी में से 73.4 फीसद हिस्सा 500 और उससे ऊपर के मूल्यवर्ग वाले नोटों का था।
वहीं मार्च 2017 तक 2000 रुपए के नोट कुल सर्कुलेशन का 50.2 फीसद हिस्सा रहे थे। आरबीआई का कहना है कि उसने कैशलेस इकोनॉमी की तरफ अपने प्रयासों में तेजी दिखाई है। वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि नकदी लेनदेन को काफी हद तक बंद करने को लेकर पूरे भारत में लोगों को अब तक भरोसा नहीं हो रहा है।
This post first appeared on विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत, please read the originial post: here