NEW DELHI:
कुछ घटनाएं ऐसी होती है जिन पर यकीन कर पाना जरा सा मुश्किल होता है। लेकिन कुछ देर बैठ कर सोचे तो एक सवाल जरूर मन में आता है कि क्या ये चमत्कार तो नहीं, अगर ऐसा सच में हुआ होगा तो? ये घटना भी कुछ ऐसी ही है। झारखंड नेशनल हाईवे पर स्थित पारडीह काली मंदिर के पास का गिरा पेड़ अचानक से खड़ा हुआ तो वहां अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। कोई इसे काली माता का चमत्कार बता रहा है तो कोई अफवाह। एनएच पर पारडीह काली मंदिर के पास बुधवार को नाले में पेड़ के अचानक खड़ा होने की अफवाह के साथ पूजा-पाठ शुरू हो गई। ये सूचना जैसे ही आसपास के क्षेत्र में फैली लोग वहां पहुंचने लगे और देखते ही देखते सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई।
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लोगों में इस वाकया को लेकर पूरे दिन कौतूहल बना रहा। पूरे घटना का लेकर वहां मौजूद लोगों में भी दो राय दिखी। कुछ लोगों ने जहां इसे ईश्वर का चमत्कार बताया तो कुछ लोग इसे अफवाह बता रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो इसे नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि जहां पेड़ हैं वह एरिया चौड़ीकरण के दायरे में आएगा।
इसी को ध्यान में रखकर ईश्वरीय चमत्कार की अफवाह उड़ाई गई है। हालांकि, स्थानीय लोग इस आरोप को नकार रहे हैं। चर्चा शुरू होने के बाद बुधवार को पूरे दिन पेड़ की पूजा की गई।
तामोलिया के ग्रामीणों ने तीन साल पहले गिरे अर्जुन वृक्ष के अपने आप खड़ा होने को चमत्कार बताया। धरनी तंतुबाई ने दावा किया कि मां काली का चमत्कार है।
बत्तख की बलि देकर पूजा शुरू की गई। भंवर तंतुबाई ने बताया कि आस्था से जुड़ा मामला है। सरकार पेड़ को संरक्षित करे। ग्रामीणों ने यहां कचरा नहीं फेंकने का आग्रह किया।
पेड़ खड़ा होने को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। इसी में एक सपना देखने का भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पेड़ के खड़ा होने का सपना मधुसूदन तंतुबाई ने देखा है, जिसके बाद से ही वे शांत हैं।
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