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2774 करोड़ रुपये और केस जीतकर भी हार गई जिंदगी, 40 सालों के भरोसे ने जिंदगी कर दी बर्बाद

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New Delhi: हम अक्सर ये सोचते हैं, कि बच्चों के लिए बनाए गए प्रोडक्ट्स सबसे सेफ़ होते हैं, सबसे कोमल होते हैं, और सुपीरियर क्वालिटी के होते हैं। और इसी सोच के सस्थ हम उन्हें इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन कई बार इन प्रोडक्ट्स के नाम पर सिर्फ सफ़ेद झूठ होता है। एक ऐसा ही झूठ दुनिया की नामी किड्स प्रोडक्ट निर्माता कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन का सामने आया है, जिसके चलते एक कोर्ट ने इस कंपनी पर 417 मि‍लि‍यन डॉलर यानी 2774 करोड़ रुपए की राशि पीड़ित को मुआवजे के तौर पर देने का फैसला सुनाया है।

कैलीफोर्नि‍या की महि‍ला ईवा इकवेरि‍या ने लॉस एंजेल्‍स की अदालत में कंपनी के खि‍लाफ मुकदमा दायर कि‍या। महि‍ला का आरोप है कि कंपनी के नामी बेबी पाउडर के इस्‍तेमाल के चलते उसे गर्भाश्‍य का कैंसर हो गया। महि‍ला का अभी इलाज चल रहा है। हालांकि उसकी हालत बेहद नाजुक है। महि‍ला की ओर पेश वकील ने अदालत में दलील दी कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी अपने ग्राहकों को इस बात के प्रति आगाह करने में असफल रही कि पाउडर के यूज से कैंसर होने का खतरा है।

ईवा की उम्र अभी 63 साल है और उन्‍हें वर्ष 2007 में कैंसर का पता चला। चार सप्‍ताह तक चले कोर्ट ट्रायल में वह वीडि‍यो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरि‍ए पेश हुईं। उन्‍होंने अदालत को बताया कि‍ उन्‍होंने 40 साल तक इस पाउडर का यूज कि‍या। जब उन्‍होंने इसे इस्‍तेमाल करना शुरू कि‍या तो उनकी उम्र 11 साल थी। अगर इस प्रोडक्‍ट पर यह चेतावनी लि‍खी होती तो वह कब का इसे इस्‍तेमाल करना बंद कर चुकी होतीं।

इससे पहले वरजीनि‍या की एक महि‍ला की शि‍कायत पर सेंट लुइस की अदालत ने जॉनसन एंड जॉनसन को 11 करोड़ डॉलर यानी करीब 715 करोड़ रुपए का हर्जाना भरने का का आदेश दि‍या था। उसे 2012 में ओवरि‍यन कैंसर के बारे में पता चला। महि‍ला का दावा था कि वह करीब 40 वर्षों से इस कंपनी का बेबी पाउडर और शावर टू शावर पाउडर का इस्‍तेमाल कर रही थी। अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी 99 फीसदी दोषी है।

इससे पहले फरवरी 2016 में भी अमेरि‍का की एक अदालत ने इस कंपनी को 7।2 करोड़ डॉलर का हर्जाना उस महि‍ला के परि‍वार को देने को कहा था, जि‍सकी मौत ओवरि‍यन कैंसर की वजह से हो गई थी। मई 2016 में भी यहां की एक अदालत ने कंपनी को एक महि‍ला को 5।5 करोड़ डॉलर हर्जाने के रूप में देने का ओदश दि‍या था। इस महि‍ला का भी दावा था कि‍ पाउडर लगाने की वजह से उसे ओवरि‍यन कैंसर हो गया। 

इस घटना के बाद कंपनी पर मुकदमों की बौछार हो गई। केस करने वालों का कहना है कि‍ कंपनी ने अपने अपने बेबी पाउडर से जुड़े कैंसर के रि‍स्‍क के बारे में ग्राहकों को कि‍सी तरह की चेतावनी जारी नहीं की है और यह एक गंभीर चूक है। अमेरि‍का के सेंट लुइस में जॉनसन एंड जॉनसन पर हुए 2400 मुकदमों में अभी तक सबसे बड़ा हर्जाना देने का आदेश इस केस में हुआ है।

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