.
New Delhi: चीन के साथ जारी विवाद को देखते हुए भारत ने आईटीबीपी (इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस) के जवानों के चीनी भाषा सिखाने की कवायद में जुटा है।
Related Articles
मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो पिछले 55 दिनों से सिक्किम के नजदीक डोकलाम में चल रही चीनी सेना और भारतीय सेना की तनातनी के बीच भारत और चीन सीमा की रखवाली करने वाले ITBP के जवानों को मंदारीन यानी चीनी भाषा सिखाई जाएगी।
आईटीबीपी को चीनी भाषा सिखाने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है ताकि बॉर्डर वह चीनी सैनियों की भाषा की भी समझ सकें और उन्हें वहां से चले जानें को भी कह सके। यानि आईटीबीपी के जवान अब आपको 'नी हाओ' यानी नमस्कार और 'हुई कु' यानी पीछे हट जाओ जैसी चीनी भाषा को बोलते नज़र आएंगे।
चीन भाषा 'मंदारीन' सीखने के पीछे उद्देश्य
चीन की भाषा 'मंदारीन' को सीखने के पीछे ITBP का मकसद घुसपैठ के दौरान उनकी भाषा को सही ढंग से समझना है। एक उद्देश्य यह भी है कि चीन के सैनिक घुसपैठ के दौरान कई तरीके से बात करते हैं जिसको हमारे सैनिक नहीं समझ पाते। यही वजह है चीनी भाषा न समझ पाने के चलते जवान वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना भी नहीं दे सकते कि आखिर किस उद्धेश्य से चीनी सैनिकों की घुसपैठ हई है। भारतीय सेना पहले से ही चीन सीमा में तैनात होने वाले कुछ जवानों को चीनी भाषा सिखाती है।
जवानों के लिए मसूरी में होगी चीनी भाषा की ट्रेनिंग
मीडिया सूत्रों की मानें तो ITBP ने अपने जवानों को चीनी भाषा सिखाने के लिए मसूरी के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में एक डिपार्टमेंट खोल रहा है, जिसमें चीनी भाषा जानने वाले ITBP के अधिकारियों और जवानों की तैनाती शुरू की जा चुकी है। खबर है कि इसके पहले चरण 12 ऐसे लोगों की तैनाती की जाएगी जो चीनी भाषा मंदारीन को पहले से ही सीख चुके हैं। आपको बता दें कि वर्तमान समय में 200 से 250 अधिकारी और जवान जेएनयू से चीनी भाषा सीख चुके हैं। इन सीखे हुए अधिकारी और जवानों को ITBP ने सीमा पर अलग-अलग जगहों पर तैनात किया हुआ है।
अभी चीन-भारत के बीच सीमा पर होने वाली बातचीत को समझने में यही जवान मदद करते हैं। लेकिन पर आने वाले समय में और सभी बीओपी में चीनी भाषा जानने वाले जवान और अधिकारी तैनात किए जाएंगे।आपको बात दें कि जब भी चीनी सेना की तरफ से घुसपैठ की जाती है तो चीनी सैनिकों को ITBP लाल रंग के पोस्टर दिखाती है जिसमें लिखा रहता है 'Go Back' इसी तरीके के पोस्टरों का इस्तेमाल कई बार होता है।
This post first appeared on विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत, please read the originial post: here