..
NEW DELHI: किसी भी व्यक्ति के लिए शादी एक पवित्र बंधन होता है। हिन्दुओं में शादी दो परिवारों के आपस में जुड़ने का एक माध्यम भी है। सभी के लिए विवाह काफी मायने रखता हैं खासकर एक स्त्री के लिए जिसके मन में अपने भावी पति और परिवार के लिए काफी कुछ होता है। हिन्दु विवाह में वर और वधु दोनों को शादी के समय अनेक परम्पराओं और मान्यताओं का पालन करना होता है। खासकर एक हिन्दू स्त्री को अनेक नियमों का पालन करना पड़ता है। जिसे उसके सोभाग्य से जोड़ा जाता है। अक्सर हमने शादीशुदा महिलाओं के पैरों में बिछिया देखा है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि इसे पहनने का वास्तविक कारण क्या है? तो आइए जानते हैं इसके पीछे छुपे कारण को
Related Articles
हिन्दू पवित्र महाकाव्य रामायण के अनुसार जब रावण ने सीता का अपहरण कर लिया था तब माँ सीता ने अपने पैरों से बिछिया को गिरा दिया था ताकि भगवान राम उन्हें आसानी से पहचान और ढूंढ सके।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार एक शादीशुदा स्त्री के लिए ‘बिछिया’ उसके सोभाग्य की निशानी होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है।
‘बिछिया’ हमेशा पैरों की दूसरी अंगुली में पहना जाता है। यह ब्लड प्रेशर को ठीक रखती है और गर्भाशय को संतुलित ब्लड प्रेशर द्वारा स्वस्थ रखती है।
वहीं आयुर्वेद के अनुसार बिछिया महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाता है। साइटिक नर्व की एक नस को बिछिया दबाती है इसकी वजह से आस-पास की दूसरी नसों में रक्त का प्रवाह तेज होता है और यूटेरस, ब्लैडर व आंतों तक रक्त का प्रवाह ठीक होता है।
वहीं बिछिया एक्यूप्रेशर का भी काम करती है जिससे नाड़ियाँ और पेशियाँ ठीक रहती हैं। भारतीय वेदों के अनुसार दोनों पैरों में बिछिया पहनने से महिलाओं का मासिक धर्म भी नियमित रहता है।
This post first appeared on विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत, please read the originial post: here