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New Delhi: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से लोगों में दोनों देशों के बीच जंग की आहट होने लगी है। इस बीच हम आपको बता रहे हैं कि दुनिया की सबसे सफल वायुसेना में शूमार Indian Air Force पाकिस्तान को कुछ ही समय में धूल चटाने की क्षमता रखती है।
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कई मौकों पर भारतीय वायुसेना ने यह साबित भी किया है। चलिये आज हम आपको बताते हैं भारतीय वायुसेना के कुछ ऐसे अनसुने फैक्ट्स जिन्हें जानकर आपका सीना भी गर्व से चौड़ा हो जाएगा।
भारतीय वायुसेना दुनिया की कुछेक ऐसी एयर फोर्स में शामिल है, जिनसे दुनिया के दूसरे देश भी थर-थर कांपते हैं। साल 1933 में अपने गठन के बाद से ही भारतीय वायुसेना ने युद्ध के मैदान में और मैदान के बाहर भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। सरकार ने शुरुआत से ही भारतीय वायु सेना को अत्याधुनिक, आक्रामक और दुनिया की सबसे मजबूत वायु सेना में तब्दील करने की ठान रखी है। शायद इसी के चलते 1965 तक भारतीय वायु सेना, पाकिस्तानी वायु सेना से तकनीकी रूप से पीछे थी, मगर 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 'सबरे' लड़ाकू विमानों को इस तरह मारा कि पाकिस्तान उन्हें 'सबरे का कातिल' बुलाने लगा।
भारतीय वायुसेना के कुछ अन्य फैक्ट्स
- भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी पेशेवर और सामरिक वायु सेना है
- भारतीय वायु सेना के पूरे भारत में 60 एयर बेस हैं] साथ ही इन्हें 7 कमांड्स में बांटा गया है
- यह जानकारी आपको सुखद अहसास कराएगी क्योंकि भारतीय वायु सेना के बेस विदेशी सरज़मीं में भी हैं। भारतीय वायुसेना का विदेशी बेस फरखोर, तजाकिस्तान में है
- मार्शल भारतीय वायु सेना की हासिल की जाने वाली सबसे ऊंची मानद् उपाधि है, जो भारतीय थल सेना के फील्ड मार्शल के समान होती है. अर्जन सिंह एक मात्र वायु सेना ऑफिसर हैं, जिन्हें यह मानद् उपाधि दी गई है
- भारतीय वायु सेना ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान 29 पाकिस्तानी टैंकों, 40 ए.पी.सी और एक ट्रेन को तबाह कर दिया था, साथ ही कई पेचीदा जगहों पर भारतीय थल सेना को मदद पहुंचाई थी। पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण करने से पहले भारतीय लड़ाकों ने पाकिस्तान वायु सेना के 94 लड़ाकू विमानों को मार गिराया था, जिसमें से पाकिस्तान के कुख्यात “सबरे लड़ाकू विमानों” की संख्या 54 थी।
- भारतीय वायु सेना रूस की मदद से पांचवीं पीढ़ी का सुखोई पी.ए.के.एफ.ए का निर्माण कर रही है। इसके निर्माण के पूरे होने के बाद यह पूरी दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमानों में शुमार हो जाएगा, जो इसे अमेरिका के एफ-22 की श्रेणी में ला खड़ा करेगा
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