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New Delhi : 15 अगस्त को लद्दाख में घुसपैठ करने वाले चीन ने मात्र पांच दिनों में ही वहां से सेना हटाई है।
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सूत्रों के अनुसार चीन ने लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर से अपनी सेना पीछे हटा ली है। डीबीओ सेक्टर में करीब तीन हफ्ते पहले चीनी सैनिक घुस आए थे।
पिछले कई दिनों से चीनी सेना वाहनों और कुत्तों से लैस होकर डीबीओ सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार भारतीय सीमा में घुसती रही है।
इसको लेकर दोनों देशों की सेना के बीच चार फ्लैग मीटिंग हुई थी। शनिवार को भी एक फ्लैग मीटिंग हुई। हालांकि, इन फ्लैग मीटिंग से कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल सका था। टकराव खत्म करने के लिए उच्च स्तर पर कूटनीतिक प्रयास भी जारी थे।
आखिरकार भारत और चीन के बीच आज इस बात पर सहमति बनी कि गतिरोध बिंदु से दोनों देश अपनी सेना को पीछे हटाएंगे। सूत्रों ने बताया कि इस बाबत 19:30 बजे सहमति बनी।
सूत्रों ने कहा कि सेना को पीछे हटाने से पहले स्थानीय स्तर पर भारतीय और चीनी पक्ष के कमांडरों ने हाथ मिलाए।
ब्रिगेडियर स्तरीय अधिकारियों की अगुवाई में दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कर्मियों ने शनिवार को चुशूल में चौथी फ्लैग मीटिंग की थी। हालांकि, करीब 45 मिनट चली इस मीटिंग में कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल सका था। चीन ने 15 अप्रैल की स्थिति में वापस लौटने से साफ इनकार कर दिया था।
भारतीय पक्ष की दलील थी कि यदि पीछे हटने की बात आयी तो दोनों सेना को एक-साथ पीछे हटना होगा और चीनी सेना को अपना कब्जा खत्म करना होगा। दोनों पक्ष तब वार्ता जारी रखने पर राजी हुए थे।
चीनी पक्ष ने अपने पहले के रख को दोहराते हुए कहा था कि भारत को फुक्त्शे और चूमर में एलएसी के पास बनाए गए बंकर खत्म करना चाहिए। इस पर भारत ने कहा था कि चीन ने भी बंकर बना रखे हैं।
आज की सहमति के मुताबिक, भारतीय सेना ने बुर्सते वापस लौटने का फैसला किया है। यही वह जगह है जहां भारतीय सेना 15 अप्रैल को तैनात थी।
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