NEW DELHI:
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2 दिन पहले लातेहार में आयोजित एक कार्यक्रम में सीधे तौर पर नक्सलियों को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि नक्सली सरेंडर कर दें, वरना आसमान में भी छुपे होंगे तो भी खोज कर मारेंगे। सीएम की इस चेतावनी को सीधे-सीधे चुनौती देते हुए नक्सली संगठनों ने 15 अगस्त को झंडोतोलन किया। तिरंगा के सामने सलामी देते हुए नक्सलियों ने फोटो खिंचवाया। वीडियो बनवाए और उसे वायरल कर दिया ताकि सरकार को नक्सलियों की धमक का अंदाजा लग सके।
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चतरा के सिमरिया में जेपीसी नक्सली संगठन के नक्सली करण ने तिरंगा फहराने के बाद तिरंगे को सलामी दी। इस दौरान नक्सली जोनल कमांडर ने अपनी बात भी लोगों के समक्ष रखी। कमांडर करण ने कहा कि जब तक सरकार टीपीसी के उग्रवादियों का सफाया नहीं कर देती है और माओवादी का खात्मा नहीं हो जाता है, तब तक उनका संगठन लोगों की रक्षा करने के लिए काम करता रहेगा। नक्सलियों ने पुलिस की सरेंडर नीति को भी खारिज कर दिया।
जोनल कमांडर ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे काले झंडा का विरोध करते हैं। माओवादियों और तृतीय प्रस्तुति कमेटी से उनकी लड़ाई है। वे लोग काला झंडा फहराते हैं। कमांडर ने कहा कि उनका संगठन पुलिस और सरकार के साथ हम काम करना चाहता है। संगठन चलाने के लिए वे रंगदारी नहीं ब्लकि सहयोग राशि लेते हैं। सारी पार्टियां लूट खसोट करती हैं इसलिए उनलोगों ने हथियार उठाया है। कमांडर ने दावा किया उनलोगों ने समाज में कई अच्छे काम किए हैं। कई गरीबी बेटियों की शादी कराई है। जनता खुद इस चीज को जानती है। पुलिस के साथ उनकी सांठगांठ नहीं है, लेकिन उनके सिद्धांत और विचार मिलते जुलते हैं। उनकी लड़ाई माओवाद और टीपीसी संगठन से है। ये खत्म हो जाएगा तो वे खुद सरेंडर कर देंगे और समाज की मुख्यधारा में आ जाएंगे।
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