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पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में है और अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। अमेरिका द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में सिख, ईसाई और हिंदू जैसे अल्पसंख्यक जबरन धर्मांतरण के डर में रहते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अल्पसंख्यकों को यह चिंता भी है कि पाकिस्तान सरकार जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठा पाती है।
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अमेरिका के सेक्रटरी ऑफ स्टेट रेक्स टिलरसन ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2016 जारी करते हुए कहा, 'पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों का कहना है कि अल्पसंख्यकों को जबरन इस्लाम कबूल करवाने से रोकने में सरकार द्वारा उठाए गए कदम नाकाफी हैं।
पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता पर खतरा है, वहां दो दर्जन से अधिक लोग ईशनिंदा के कारण या तो फांसी का इंतजार कर रहे हैं या उम्रकैद काट रहे हैं।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार अल्पसंख्यकों को ईंट बनाने जैसी बंधुआ मजदूरी से नहीं बचा पा रही है। ईंट बनाने और खेती से जुडे़ क्षेत्रों में ईसाई और हिंदूओं को बंधुआ मजदूर रखा जाता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंदू और सिख नेताओं का कहना है कि अल्पसंख्यकों को शादी रजिस्टर कराने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
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