NEW DELHI: इंडिया और रूस मिलकर 5th जनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट्स (FGFA) बनाएंगे। इसके लिए दोनों देशों के बीच जल्द कॉन्ट्रैक्ट साइन होगा। इन एयक्राफ्ट्स के डेवलपमेंट के लिए लंबे समय से इंतजार चल रहा है।
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रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन के CEO सर्गेई शेमेजोव ने कहा, "बहुत जल्द दोनों देशों के बीच FGFA डेवलप करने के कई अरब डॉलर के प्रोजेक्ट पर सभी फैसले ले लिए जाएंगे। FGFA पर काम चल रहा है। पहली स्टेज पार हो गई है और अब हम दूसरी स्टेज को लेकर बात कर रहे हैं। मुझे लगता है कि जल्द ही सभी फैसले ले लिए जाएंगे और सभी कॉन्ट्रैक्ट डॉक्युमेंट्स पर साइन हो जाएंगे।"
1) इसी साल साइन होगा कॉन्ट्रैक्ट
मई 2017 में सरकार के सूत्रों ने कहा था, "FGFA जेट के डिजाइन और दूसरे अहम मुद्दों पर ग्राउंड वर्क पूरा कर लिया गया है, ताकि डील को फाइनल किया जा सके।" इंडिया और रूस के बीच इस डील से जुड़े टॉप ऑफिशियल ने कहा, "डिटेल डिजाइन के लिए कॉन्ट्रैक्ट जल्द साइन होगा और ये भारत के लिए बड़ी कामयाबी होगी। ये कॉन्ट्रैक्ट साल के दूसरी छमाही में साइन होगा।" शेमेजोव ने रूस के प्रीमियर एयर शो MAKS 2017 के मौके पर कहा कि काम चल रहा है, ये बहुत पेचीदा है और तेजी से नहीं हो पा रहा है।
2) टेक्नोलॉजी पर दोनों देशों का हक होगा
टॉप इंडियन ऑफिशियल के मुताबिक, "दोनों ही देश FGFA को मिलकर डेवलप करेंगे। इंडिया के पास भी इसकी टेक्नोलॉजी पर रूस के बराबर हक होगा।"
3) पिछले साल मिली डिफेंस मिनिस्ट्री से क्लियरेंस
पिछले साल फरवरी में डिफेंस मिनिस्ट्री से क्लियरेंस मिलने के बाद इंडिया और रूस ने इस प्रोजेक्ट पर बातचीत दोबारा शुरू की थी। तब से अब तक बजट संबंधी कमिटमेंट, वर्कशेयर, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर जैसे मुद्दों पर दोनों देशों के बीच आई अड़चनों को दूर किया गया।
4) 2007 में हुए FGFA करार पर साइन हुए थे
2007 में इंडिया और रूस ने FGFA प्रोजेक्ट के करार पर साइन किए थे। दिसंबर 2010 में भारत ने 295 मिलियन डॉलर यानी करीब 1900 करोड़ रुपए शुरुआती डिजाइन के लिए देने का वादा किया था। हालांकि, इस डील में दोनों देशों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। भारत में इस प्रोजेक्ट को पर्सपेक्टिव मल्टीरोल फाइटर कहा जाता है।
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