New Delhi : भारत के सफल घरेलू टेस्ट सत्र में उमेश यादव का प्रदर्शन काफी अहम रहा है और इस तेज गेंदबाज ने इसका काफी श्रेय नव नियुक्त गेंदबाजी कोच भरत अरूण को दिया जिन्होंने राष्ट्रीय टीम के साथ अपने पहले के कार्यकाल के दौरान उनकी कमियों पर काम किया था।
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उमेश ने कहा कि हां पिछला सत्र टेस्ट क्रिकेट में मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ रहा है जिसमें मैं काफी निरंतर रहा था। लेकिन इस तरह की निरंतरता के स्तर को हासिल करना का श्रेय उन प्रयासों में सफलता प्राप्त करने को दूंगा जो मैंने पिछले सत्र में अपनी गलतियों को सुधारने के लिए किए।
उमेश ने कहा कि जब मैं टीम से अंदर-बाहर हो रहा था, तब मैंने अपनी गेंदबाजी में जो काम किया था उसी से ये परिणाम मिले। जब मैं अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं था, तब भरत अरूण सर मेरे साथ काफी काम करते थे। जब मैं नागपुर में होता था तो ये काम सुब्रतो बनर्जी सर पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज करते थे जो मेरी तकनीक पर काम करते थे। मैं दोनों का ऋणी रहूंगा। उमेश ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 17 विकेट हासिल किए जो चार टेस्ट सीरीज में किसी भारतीय तेज गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
वह श्रीलंका के आगामी दौरे के लिए मानसिक रूप से तैयारी कर रहे हैं, जिसमें एसजी टेस्ट गेंद के बजाय कूकाबूरा गेंदों का इस्तेमाल किया जायेगा। उन्होंने स्वीकार किया कि सपाट पिचों पर कूकाबूरा गेंद चुनौतीपूर्ण हो सकती है क्योंकि ये 25 आेवरों के बाद थोड़ी पुरानी हो जाती हैं। लाल कूकाबूरा से तेजी से विकेट पहले 15 आेवर में ही हासिल किए जा सकते हैं जब सीम ज्यादा दिखती है। सीम सपाट हो जाती है तो तेज गेंदबाजों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
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