New Delhi: नई नौकरी चाहिए हो या परिवार की शांति, तनाव कम करना हो या खुशियां बढ़ानी हों.. यदि मन में विश्वास करके छींद वाले हनुमान मंदिर पहुंचे तो मानकर चलिए कि आपकी हर ख्वाहिश पूरी हो जाएगी। यह कोई मिथक नहीं है बल्कि लोगों के जीवन्त उदाहरण हैं।
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राजधानी से 40 किमी दूर रायसेन जिले के बरेली तहसील के ग्राम छींद में विराजमान है हनुमान दादा जी। दूर-दूर से भक्तगण अपनी आस्था लेकर हनुमान दादा जी के सम्मुख पंहुचते हैं। लोगो की ऐसी आस्था है कि इस मंदिर में लगातार पांच मंगलवार तक पहुंचने वाले श्रृद्धालु की हर मनोकामना पूरी होती है।
और जब इच्छा पूरी हो जाती है तो लोग यहां भंडारे कराते हैं। मंदिर के पुजारियों का कहना है कि आज तक ऐसा कोई मंगलवार नहीं रहा है जब यहां भंडारा न हुआ हो। यानि यहां आने वाले हर भक्त की आरजू पूरी होती है।
हनुमान जी खुद करते हैं निवास
यहां विशाल पीपल के पेड़ के नीचे दक्षिणमुखी दादाजी की प्रतिमा है। मान्यता है कि काफी समय पहले हनुमान जी के किसी अनयन भक्त ने यहां साधना की थी। साधना से प्रसन्न दादाजी सदैव इस प्रतिमा में साक्षात निवास करते हैं। यहां आने वाले भक्तजनों का अनुभव है कि दादाजी अतिशीघ्र उनके कष्टों का निवारण करते हैं।
भंडारे और भजन से पावन भूमि
हनुमान मंदिर में हर मंगलवार को भक्त भंडारे आयोजित करते हैं। फिर भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। भक्त मनोकामना पूरी होने पर पैदल ही दादा के दर्शनों लिए पहुंचते हैं। यहां चारद चढ़ाना, झंड़े चढ़ाना और चोला चढ़ाने का रिवाज बहुत पुराना है। यहां दशहरा पर विशाल मेला बढ़ता है।
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