New Delhi: अरुणाचल प्रदेश की बाढ़ में फंसे 169 लोगों की जान बचाने के बाद हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए विंग कमांडर मंदीप सिंह ढिल्लों की पत्नी ने कहा कि वह अपने दोनों बच्चों को देश की सेवा करने के लिए सेना में भेजेगी।
Related Articles
उनके ससुर रिटा. पूरण सिंह ने भी अपना जीवन सेना की सेवा में ही गुजारा है। रविवार को इस तरह की भावनाएं मोती बाग गुरुद्वारा साहिब में शहीद मंदीप सिंह ढिल्लों के भोग समारोह में उनकी पत्नी प्रभप्रीत कौर ने व्यक्त कीं।
उन्होंने बताया कि उसके पति सहज स्वभाव के थे। सेवा करने से पीछे नहीं हटते थे। भोग समारोह में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से शिरकत करने आए वन मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने कहा कि पंजाब सरकार को गर्व है कि मंदीप सिंह पंजाब का पुत्र है, इसलिए सरकार शहीद परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी। सरकार ने परिवार की वित्तीय मदद के लिए 12 लाख रुपये देने का एलान करते हुए पांच लाख रुपये का चेक सौंप दिया।
वन मंत्री ने बकाया सात लाख रुपये जल्द भेजने की बात कही। मंदीप को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना के रिटायर्ड एयर मार्शल केएस गिल, एयर हेडक्वार्टर से ग्रुप कमांडर एनके बल्ला, ट्रेनिंग कमांड से विंग कमांडग टीएस पुरी, 12 विंग कमांडर कैप्टन एसके यादव सहित कई सेना अधिकारी मौजूद रहे। उनके अलावा पीआरटीसी के चेयरमैन केके शर्मा, कांग्रेस के जिला प्रधान प्रेम कृष्ण पुरी सहित भगवान दास जुनेजा, हरपाल दास जुनेजा मौजूद रहे।
चार जुलाई को हुई थी घटना
मंदीप सिंह ढिल्लो असम के तेजपुर स्थित एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर यूनिट के कमांडिंग आफिसर थे। चार जुलाई को अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ में फंसे 169 लोगों को मंदीप सिंह ने बचाया था। वे उड़ान भरकर फिर से बाकी लोगों को बचाने के लिए गए थे। तब उनके साथ को-पायलट पीके सिंह, सार्जेट आरवाइ गूजर व एक कांस्टेबल था। हेलीकॉप्टर हादसे में उक्त सभी लोगों की मौत हो गई थी।
19 साल की सर्विस में मंदीप सिंह के पास चार हजार घंटे की फ्लाइंग अनुभव था और वे देश के जाबांज पायलटों में से एक थे। पटियाला की तेग कालोनी निवासी मंदीप के पिता पूरण सिंह भी एयर फोर्स में इंजीनियर थे। शहीद की बेटी सहज बड़ी है, जबकि बेटा एशर छोटा है।
This post first appeared on विराट कोहली ने शहीदों के नाम की जीत, please read the originial post: here