Moscow: रूस ने अब तक की अपनी सबसे खतरनाक 'न्यूक्लियर पनडुब्बी' समुद्र में उतार दी है। यह पनडुब्बी 2500 किमी के टारगेट को भेद सकती है।
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यह रूस कि 'कजान न्यूक्लियर पनडुब्बी' का फोर्थ वर्जन है जिस पर 2009 से काम चल रहा था और अब इसे नॉर्दन रशिया के सेवेरोविंक्स शिपयार्ड से समुंद्र में उतारा गया है।
यह पनडुब्बी 70 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। इसके अलावा आर्मी का हेड ऑफिस इसके बीचों बीच बनाया गया है यहां से जवान हर दिशा में नजर रख सकते है। इसमें एक बार में 24 'ओनिक्स' मिसाइल तैनात की जा सकती है मिसाइल के आठ हिस्सों पर तीन-तीन मिसाइलें लगाई जा सकती हैं जिससे एक बार में ही हर दिशा में मिसाइलें दागी जा सकें।
न्यूक्लियर पनडुब्बी में दो ही न्यूक्लियर रिएक्टर होते है लेकिन इसमें एक ही रिएक्टर लगा हुआ है इससे समुंद्र के अंदर इसके चलने की आवाज भी बहुत कम होगी। रुसी सैन्य विज्ञान अकादमी के प्रोफेसर वदीम कज्यूलिन के मुताबिक, इसे तैयार करने से पहले अब तक की सभी पनडुब्बी की कमजोरियां और उनकी ताकत का आंकलन किया गया था।
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