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जगन्नाथ मंदिर के इतने चमत्कार, विज्ञान भी करता है नमस्कार

New Delhi: जगन्नाथ धाम चारधाम में से एक है। यहां भगवान अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं। कहा जाता है कि द्वापर युग के बाद भगवान कृष्ण जगन्नाथ के रूप में पुरी में निवास करने लगे।

  इस मंदिर की बहुत सी विशेषताएं हैं। यहां के कुछ चमत्कारों को जानकर कोई भी हैरान हुए बगैर नहीं रह सकता है। यहां हम बता रहे हैं भगवान जगन्नाथ के इस पावन धाम के कुछ रोमांचक रहस्य।

हवा के विपरीत लहराता है ध्वज

जगन्नाथ मंदिर के ऊपर स्थापित लाल ध्वज सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। ऐसा किस कारण होता है यह कोई नहीं जानता, लेकिन यह अपने आप में आश्चर्यचकित कर देने वाली बात है। 

इसके अलावा यह भी आश्‍चर्य है कि प्रतिदिन सायंकाल मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज को मानव द्वारा उल्टा चढ़कर बदला जाता है। ध्वज भी इतना भव्य है कि जब यह लहराता है तो इसे लोग देखते ही रह जाते हैं। ध्वज पर शिव का चंद्र बना हुआ है।

नहीं बनती गुंबद की परछाई

यह दुनिया का सबसे भव्य और ऊंचा मंदिर है। यह मंदिर 4 लाख वर्गफुट क्षेत्र में फैला है और इसकी ऊंचाई लगभग 214 फुट है। मंदिर के पास खड़े रहकर इसका गुंबद देख पाना असंभव है। आश्चर्य की बात यह है कि मुख्य गुंबद की परछाई दिन के किसी भी समय दिखाई नहीं देती।

सुदर्शन चक्र 

पुरी में किसी भी स्थान से आप मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देखेंगे तो वह आपको सदैव अपने सामने ही लगा दिखेगा। इसे नीलचक्र भी कहते हैं। यह अष्टधातु से निर्मित है और अति पावन और पवित्र माना जाता है।

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