New Delhi: ज्यादातर लोगों को ये पता है कि Martial Arts चीन ने इजात किया था, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका आविष्कार चीन ने नहीं बल्कि भागवना श्री कृष्ण ने किया था। कैसे, आइए आपको बताते हैं।
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भारतीय परंपरा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने ही Martial Arts का अविष्कार किया था। दरअसल पहले इसे कालारिपयट्टू कहा जाता था।
इस विद्या के माध्यम से ही उन्होंने चाणूर और मुष्टिक जैसे मल्लों का वध किया था तब उनकी उम्र 16 वर्ष की थी। मथुरा में दुष्ट रजक के सिर को हथेली के प्रहार से काट दिया था।
आपको बता दे कि श्रीकृष्ण ने मार्शल आर्ट का विकास ब्रज क्षेत्र के वनों में किया था। डांडिया रास उसी का एक नृत्य रूप है। कालारिपयट्टू विद्या के प्रथम आचार्य श्रीकृष्ण को ही माना जाता है। हालांकि इसके बाद इस विद्या को अगस्त्य मुनि ने प्रचारित किया था। इस विद्या के कारण ही ‘नारायणी सेना’ भारत की सबसे भयंकर प्रहारक सेना बन गई थी।
श्रीकृष्ण ने ही कलारिपट्टू की नींव रखी, जो बाद में बोधिधर्मन से होते हुए आधुनिक मार्शल आर्ट में विकसित हुई। बोधिधर्मन के कारण ही यह विद्या चीन, जापान आदि बौद्ध राष्ट्रों में खूब फली-फूली। आज भी यह विद्या केरल और कर्नाटक में प्रचलित है।
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