Sonbhadra News: ओबरा थाना क्षेत्र के खैरटिया गांव में साढ़े सात वर्ष पूर्व हुए अमेरिका प्रसाद हत्याकांड के मामले में मामले के मुख्य आरोपी को दोषी पाते हुए आठ वर्ष कैद की सजा सुनाई गई। वहीं, वारदात के लिए ललकारने के दोषी मां-बेटों को छह-छह माह कैद की सजा सुनाई गई। सोमवार को सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाया और इसके आधार पर हत्या के दोषी बबई राम को 8 वर्ष की कैद और 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए आदेश पारित किया।
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कुछ यह था घटनाक्रम
अभियोजन कथानक के मुताबिक ओबरा थाना क्षेत्र के खैरटिया (बिल्ली मारकुंडी) गांव निवासी केशरी देवी ने 30 सितंबर 2016 को ओबरा थाने पहुंचकर एक तहरीर दी। इसके जरिए पुलिस को अवगत कराया कि वह शाम साढ़े सात बजे अपने घर के दरवाजे पर मौजूद थी। उसी समय गांव के पट्टीदार बबई राम पुत्र स्व. र्गीय राम अभिलाष उसके बच्चों से विवाद और पुरानी रंजिश को लेकर गाली-गलौज करने लगे। जब उसने मना दिया गया तो उनके बेटे राजकुमार और अशोक कुमार भी आ गए और वह दोनों भी गाली-गलौज करने लगे। शोरगुल पर उसके पति रामचंद्र, बेटा अमेरिका प्रसाद और बहू तरवंती देवी आकर बीच बचाव करने लगी। तभी आरोपी सभी को लाठी डंडा और लात-घूसे से मारने पीटने लगे।
इलाज के दौरान हुई अमेरिका की मौत
इस दौरान उसके बेटे अमेरिका प्रसाद को सिर में गंभीर चोटें आई जिससे वह बेहोश होकर गिर पड़ा। वहीं, उसके पति रामचंद्र, बहू तरवंती देवी और उसे भी काफी चोटें आई। प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर पुलिस मामले की विवेचना शुरू की। उधर,इलाज के दौरान अमेरिका प्रसाद की मौत हो गई। मामले को गैर इरादतन हत्या में तरमीम करते हुए पुलिस ने विवेचना पूरी की और पर्याप्त सबूत मिलने की बात कहते हुए न्यायालय में बबई राम, राजकुमार, अशोक कुमार और शिवकुमारी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी।
अधिवक्ताओं की दलीलों, साक्ष्यों के आधार पर पाया गया दोषी
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुने। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए, दोषी बबई राम को 8 वर्ष की कैद और 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। वहीं, वहीं राजकुमार, अशोक कुमार और शिवकुमारी को वारदात के समय ललकारने-सहयोग का दोषी पाया गया जिसके लिए उन्हें पाकर 6- 6 माह कैद की सजा सुनाई। बताया गया कि जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अर्थदंड जमा होने के बार उसकी 60 प्रतिशत धनराशि वादिनी को प्रदान किया जाएगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने की।