Sonbhadra News: राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र से अद एस सांसद पकौड़ीलाल का टिकट काटकर उनकी बहू रिंकी कोल को टिकट दिए जाने को लेकर परिवार में अंतर्कलह के कथित मसले की भले ही, किसी द्वारा पुष्टि न की गई हो। ... लेकिन जिस तरह से सोमवार को आयोजित जनसभा में स्थिति दिखी, उससे जहां सांसद पकौड़ीलाल का सियासी वजूद घटने की स्थिति के साथ ही अंतर्कलह की चर्चाओं को बल मिलता नजर आया। वहीं, पार्टी के पदाधिकारियों को कौन कहे, अपनों की तरफ से भी, मंच के बाएं हिस्से में बैठे पकौड़ीलाल की, मंच की मेनलाइन से गैर मौजूदगी, खासा चर्चा का विषय बना रहा।
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कई दिनों तक बनी रही थी पारिवारिक अंतर्कलह की चर्चा
बताते चलें कि ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज को गाली दिए जाने का कथित वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आए सांसद पकौड़ीलाल की, जगह इस बार अद एस से उनकी विधायक बहू रिंकी कोल को टिकट दिया गया है। टिकट की घोषणा होते ही कई दिन तक अंतर्कलह की चर्चाएं बनी रही। बाद में पार्टी नेतृत्व के साथ ही, सांसद पकौड़ीलाल कोल की तरफ से कहा गया कि अंतर्कलह की बात महज एक अफवाह है। नामांकन के लिए पहुंची रिंकी कोल की तरफ से भी यहीं दावा किया गया लेकिन सोमवार को मंच की मेन लाइन (डिप्टी सीएम को पुष्पाहार पहनाने के दौरान) से तो सांसद पकौड़ीलाल नदारद नजर आए ही, मंच पर बैठी नेताओं की कतार में भी, वह एक किनारे अद एस जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल के बगल में बैठे रहे। दिखने में तो एक सामान्य प्रक्रिया लगी लेकिन सियासी नजरिए से इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं बनी रही।
कहीं सांसद की विवादित टिप्पणी तो नहीं पड़ रहा उन पर भारी !
बताते चलें कि सांसद पकौड़ीलाल द्वारा सवर्णों को लेकर की गई टिप्पणी और अगड़े समाज के लोगों के दी गई कथित गाली का मसला जहां लंबे समय से गरमाया हुआ है। वहीं, उनकी जगह उनकी बहू को टिकट देकर पार्टी की ओर से भी, इस मसले को शांत कराने की कोशिश की गई है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल की तरफ से इसको लेकर खेद भी जताया जा चुका है लेकिन जिस तरह से गत रविवार को स्वयं को अपना दल एस का राष्ट्रीय महासचिव बताकर डा. राघवेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से इस्तीफा दिया गया है और इसके पीछे सांसद पकौड़ीलाल की विवादित टिप्पणी के बावजूद उनकी बहू को टिकट दिए जाने का आरोप लगाते हुए सवर्णों की उपेक्षा के आरोप लगाया गया है, उससे एक बार फिर से यह मसला गरमा हो उठा है। मंच पर मौजूद रहने के बावजूद मंच के मेनलाइन से गायब रहने का कारण, कहीं सांसद की विवादित टिप्पणी तो नहीं? इसको लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।