Kashi Darshan Details : उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध शहर काशी में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा काशी विश्वनाथ विराजित हैं। भगवान शिव को समर्पित किया जाए मंदिर दुनिया भर में पहचाना जाता है और लाखों की संख्या में भक्त यहां दर्शन करने पहुंचते हैं। 18वीं सदी में महाराजा रणजीत सिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इस मंदिर का गुंबद बहुत ही विशाल और सुंदर है जो भारतीय संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर में विशेष धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव की पूजन अर्चन की जाती है। हर साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
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आम दिन हो या फिर त्यौहार का मौका इस मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिलती है। अब आपको यहां दर्शन करनी हो या फिर रुद्राभिषेक करवाना हो इन सबके लिए पैसे देने पड़ते हैं। अगर आप दर्शन करने जा रहे हैं तो उसके लिए आपको एंट्री फीस देनी होगी और त्योहारों के मौके पर यह फीस बढ़ जाती है। काशी विश्वनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। चलिए आज हम आपको इस मंदिर में होने वाली आरती और दर्शन के समय कथा शुल्क के बारे में बताते हैं।
सुगम दर्शन
अगर आप मंदिर में सुगम दर्शन करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ₹300 फीस देनी होगी। यह दर्शन सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक करवाए जाते हैं और इसके लिए काशी विश्वनाथ की ऑफिशल वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है।
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आरती के समय और फीस
सुबह के 3 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक मंगला आरती - 350 रुपए
सुबह के 3 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक आरती - 1200 रुपए
सुबह के 3 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक मंगला आरती - 600 रुपए श्रावण में देने होंगे।
सुबह के 3 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक मंगला आरती के 1800 रुपए महाशिवरात्रि पर लगेंगे।
सुबह 11:15 से दोपहर 12:20 बजे तक भोग/आरती 180 रुपए
शाम सात बजे से रात 8:15 बजे तक सप्तऋषि आरती के 180 रुपए।
रात 9 बजे से 10:15 बजे तक रात श्रृंगार/भोग आरती के 180 रुपए लगेंगे।
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रुद्राभिषेक का शुल्क
सुबह चार बजे से शाम 6:00 बजे तक रुद्राभिषेक (1 शास्त्री) - 450.00
रुद्राभिषेक (5 शास्त्री) - 1380.00
रुद्राभिषेक (11 शास्त्री) - 2600.00
लघु रूद्र (11 शास्त्री) - 5500.00
महारुद्र (11 शास्त्री) 11 दिन - 57100.00
कैसे पहुंचे मंदिर
वाराणसी देश के सभी शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। रोडवेज के अलावा प्राइवेट बसें भी सीधे बनारस के लिए मिलती हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचने के लिए रोडवेज बस स्टैंड या शहर के किसी भी हिस्से से गोदौलिया के लिए टैक्सी, ई रिक्शा, ऑटोरिक्शा आराम से मिल जाएगा। गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट की तरफ बढ़ने पर सिंहद्वार है जो ढुंढिराज गणेश की तरफ से मंदिर में पहुंचता है। वहीं बांसफाटक की तरफ से विश्वनाथ गली जाने वाला रास्ता भी मंदिर लेकर जाता है। इसके अलावा ज्ञानवापी की तरफ से भी मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए द्वार है।
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ट्रेन से कैसे पहुंचे
वाराणसी में चार रेलवे स्टेशन हैं। मंदिर से वाराणसी सिटी स्टेशन की दूरी दो किमी, वाराणसी जंक्शन की दूरी करीब 6 किमी है और बनारस रेलवे स्टेशन की दूरी चार किलोमीटर है। वहीं मुगल सराय रेलवे स्टेशन मंदिर से 17 किमी की दूरी पर है। यह सभी स्टेशन भारत के दूसरे शहरों से ट्रेनों के जरिए जुड़े हुए हैं। स्टेशन के बाहर से मंदिर के लिए सीधे रिक्शा, आटो या टैक्सी उपलब्ध है।
हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे
बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट देश और विदेश के सभी शहरों से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट से काशी विश्वनाथ मंदिर की दूरी 20 से 25 किमी की है। टूरिस्ट टैक्सी या कैब लेकर एयरपोर्ट से मंदिर पहुंच सकते हैं।